संजय गांधी पीजीआई के प्रोफेसर ने आम लोगों को पढ़ाया प्राथमिक चिकित्सा एवं अस्पताल पहुचाने के पहले की सेवा का पाठ
लखनऊ। किसी को दिल का दौरा पड़े या एक्सीडेंट को जाये तो क्या करेंगे, जाहिर है सभी का उत्तर यह होगा कि उसे डॉक्टर के पास ले जायेंगे, यह उत्तर सही भी है लेकिन डॉक्टर के पास ले जाने तक व्यक्ति की खराब हो रही स्थिति को सम्भालेंगे, इसके बारे में हर आम आदमी को जानकारी होनी चाहिये ताकि चिकित्सक के पास पहुंचने तक मरीज को ठीक रखने के लिए किसी प्रकार की मिस हैंडलिंग न हो। मिस हैंडलिंग से तात्पर्य है कि दुर्घटना होने पर मरीज को दुर्घटना स्थल से उठाने, लेटाने आदि में क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिये, यह भी जानना जरूरी है, क्योंकि इस मिस हैंडलिंग से व्यक्ति की जान भी जा सकती है या वह अपने किसी अंग की शक्ति को खो सकता है।
सामुदायिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम के अन्तर्गत आकस्मिक दुर्घटना चोट, मिर्गी एवं बेहोशी की अवस्था में प्रारंभिक उपचार और अस्पताल पहुचाने संबंधित जानकारी के लिए एक कार्यशाला का आयोजन आज 22 अगस्त को पीके पैथोलॉजी फर्स्ट फ्लोर हॉल में प्रातः 10.30 से 12.30 तक आयोजित किया गया। जिसमें पीजीआई के ट्रामा एवं आकस्मिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ संदीप साहू ने आम लोगों को प्राथमिक चिकित्सा एवं अस्पताल पहुचाने के पहले की सेवा संबंधित जानकारी साझा किया साथ ही हार्ट अटैक के दौरान हार्ट पम्प करने की विधि भी लोगों को बतायी। इस सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यशाला में बड़ी संख्या में आम लोग टेक्नीशियन, नर्सिंग स्टाफ और चिकित्सकों ने भाग लिया।
इस अवसर पर पीके पैथोलॉजी के डॉ पी के गुप्ता ने कहा कि समाज के सभी लोगो को दुर्घटना और आकस्मिक चिकित्सा के प्राररम्भिक उपचार के बारे में जानना चाहिए क्योंकि शुरुआत में सड़क पर डॉक्टर नही उपलब्ध हो पाते हैं रक्त को रोकना और साँस और हृदय को चलाये रखना महत्वपूर्ण होता है।
प्रोफेसर संदीप साहू ने प्रतिभागियों को कृत्रिम साँस और हृदय पंप करने की विधि डमी के माध्यम से भी सिखाया। नर्सिंग ऑफिसर अजय सिंह ने कहा कि युवाओं से skill को बढ़ानेऔर road accident होने पर व्यक्ति को प्रारंभिक उपचार और ठीक प्रकार से अस्पताल पहुचाने में मदद करनी चाहिए। अंत मे प्रोफेसर संदीप साहू ने प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट वितरित किया और आये हुए लोगों को धन्यवाद दिया इस कार्यक्रम का आयोजन सामाजिक सरोकार मंच के सहयोग से किया गया जो कि एक स्वयं सहायता समूह है, समाज की विभिन्न वर्गो के लोग इसके सदस्य हैं।
