Thursday , October 12 2023

जुम्‍बा जैसे झूमने वाले आयोजन ने यादगार बना दी लखनऊ की सुबह

-हेल्‍थ सिटी विस्‍तार परिसर में समारोहपूर्वक मनाया गया विश्‍व आर्थराइटिस दिवस

-डीएम ने किया साइक्लोथान, वाकाथन, जुम्बा और योग कार्यक्रमों वाले समारोह का उद्घाटन

सेहत टाइम्‍स


लखनऊ। विश्‍व आर्थराइटिस दिवस की सुबह का स्‍वागत यहां गोमती नगर सेक्‍टर चार में बन कर तैयार हो रहे 300 बिस्‍तरों वाले हेल्‍थ‍ सिटी विस्‍तार हॉस्पिटल में बहुत धूमधाम के साथ हुआ। लखनऊ के जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने कार्यक्रम में पहुंचकर आयोजकों के साथ ही उपस्थित लोगों का उत्‍साह दोगुना कर दिया।


ज्ञात हो अर्थराइटिस एवं रूमेटिज्म इंटरनेशनल (एआरआई) ने 12 अक्‍टूबर, 1996 को विश्व अर्थराइटिस दिवस की शुरुआत की है। तब से हर वर्ष इसी तारीख पर विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संस्थानों की तरह अर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ लखनऊ भी एकजुट होकर रूमेटॉयड एवं मस्कुलो स्केलेटल बीमारियों के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने का काम करती हैं। यही नहीं इन बीमारियों के इलाज में आने वाली परेशानियों को दूर करने में सहायता भी करती आ रही हैं। अर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ लखनऊ की स्थापना वर्ष 2010 में ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन्‍स डॉ संदीप कपूर व डॉ संदीप गर्ग ने की थी। दोनों चिकित्‍सकों ने आज भी आर्थराइटिस का इलाज करा चुके मरीज, जो अब सामान्‍य जिन्‍दगी जी रहे हैं, के साथ साइक्लोथान, वाकाथन, जुम्बा और योग जैसे कार्यक्रमों में खूब एन्‍ज्‍वॉय किया।

कार्यक्रम की शुरुआत समारोह के मुख्‍य अतिथि जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने की। कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ संदीप कपूर ने संस्थान के नए आने वाले 300 बेड क्षमता के हेल्थसिटी विस्तार हॉस्पिटल गोमती नगर विस्तार के बारे में बताया। डॉ कपूर ने बताया कि अर्थराइटिस जैसी समस्या के बारे में ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है जिसकी वजह से मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पाता है। उन्होंने आगे बताया कि इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में अर्थराइटिस की समझ को बढ़ाना है। इस से जुड़ी मिथ्‍या बातों को दूर करना और सही जानकारी साझा करना है।


डॉ संदीप गर्ग ने बताया कि सभी प्रकार की अर्थराइटिस में रूमोटॉयड अर्थराइटिस और ओस्टियो अर्थराइटिस सबसे ज्यादा देखने को मिलती हैं। ओस्टियो अर्थराइटिस ज्वाइंट के कार्टिलेज के खराब होने पर होती है जिसकी वजह से सूजन हो जाती है। वहीं रूमोटाइड अर्थराइटिस एक प्रकार की ऑटो इम्यून बीमारी है। इसमें शरीर का इम्यून सिस्टम जोड़ों के मेंब्रन पर हमला करता है और अंततः हड्डी और कार्टिलेज का नुकसान करता है। उन्‍होंने कहा कि अर्थराइटिस एक दर्द देने वाली लेकिन रोकी जा सकने वाली बीमारी है। इसमें हाथ, नसें, आंखें, त्वचा, फेफड़े और दिल प्रभावित होते हैं।

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