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कोविड के बाद वर्क फ्रॉम होम ने बढ़ायी हैं हड्डियों व जोड़ों की मुश्किलें

-विश्‍व आर्थराइटिस दिवस पर 12 अक्‍टूबर को हेल्‍थसिटी विस्‍तार पर आयोजित की जा रहीं आउटडोर-इनडोर एक्टिविटी

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। लखनऊ में कम से कम पांच से सात लाख लोग हड्डी या जोड़ों की समस्या से ग्रसित हैं। इस संख्‍या में कोविड के बाद इजाफा हुआ है, इसकी एक बड़ी वजह वर्क फ्रॉम होम है। आर्थराइटिस का मरीज होने का मतलब जीवन में रुकना नहीं, बल्कि सही इलाज के साथ आगे बढ़ते रहना है। अपने सभी प्रोफेशनल और व्यक्तिगत काम सामान्य लोगों की तरह ही पूरा करना है। आर्थराइटिस को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़े इसके लिए विश्‍व ऑर्थराइटिस दिवस इस वर्ष भी समारोहपूर्वक मनाया जा रहा है। कल 12 अक्‍टूबर को कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिभागी सुबह साढ़े छह बजे हेल्थसिटी विस्तार सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल एवं ट्रॉमा सेंटर, सेक्टर-4 गोमती नगर विस्तार, पर एकत्र होंगे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार होंगे तथा वे साइकिलिस्ट को हरी झंडी दिखा कर रवाना करेंगे। एक्सपर्ट्स ज़ुम्बा क्लास लेंगे।

यह जानकारी यहां गोमती नगर स्थित हेल्‍थ सिटी ट्रॉमा सेंटर एंड सुपरस्‍पेशियलिटी हॉस्पिटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में आर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ लखनऊ के संस्थापक सदस्य व हेल्‍थ सिटी हॉस्पिटल के निदेशकों डॉ संदीप कपूर एवं डॉ संदीप गर्ग ने दी। उन्‍होंने बताया कि सुबह आर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ लखनऊ (ए एफ ओ एल) की ओर से ‘वॉक, साइकिलिंग एवं जुम्बा’ का आयोजन किया जा रहा है। इस फि‍जिकल एक्टिविटी वाले आयो‍जन में आर्थराइटिस का समुचित इलाज करवा चुके मरीज भी शामिल होंगे। एक्सपर्ट्स ज़ुम्बा क्लास लेंगे। उन्‍होंने बताया कि विश्व आर्थराइटिस दिवस के मौके पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।  

डॉ कपूर ने बताया कि घर में रहकर काम करने की आदत से शरीर को उसकी जरूरत के मुताबिक मूवमेंट कम हो गया है। क्‍योंकि बहुत से लोग आरामतलबी करते हैं। कसरत या पैदल नहीं चलते हैं। यही नहीं अत्यधिक खाने और असंतुलित भोजन से भी वजन में इजाफा हुआ है, ऐसे में वजन बढ़ने से शरीर के जोड़ों पर उसका दुष्प्रभाव हुआ है।

गठिया के मरीज सही समय पर इलाज अवश्‍य करायें

डॉ संदीप गर्ग ने कहा कि गठिया के मरीज सही समय पर योग्य प्रशिक्षित चिकित्सक से इलाज कराकर सामान्य जीवन जी सकते हैं। उन्‍होंने बताया कि अब तक ठीक हो चुके करीब 10 हजार मरीजों का डाटा हमारे पास है। उन्होंने कहा कि गठिया को नजर अंदाज करना नुकसानदेह है, क्योंकि समय पर इलाज न मिलने से बीमारी गंभीर हो जाती है।

डॉ संदीप कपूर ने कहा की लोग लाइफस्टाइल और सेहत की बात तो करते हैं, परन्तु हड्डियों की सेहत पर ज्यादातर लोगों का ध्यान नहीं जाता। लोगों की जागरूकता बढ़े इसलिए हर वर्ष अक्टूबर 12 अक्तूबर को विश्व आर्थराइटिस दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद जनता में जोड़ एवं हड्डियों के स्‍वास्‍थ्‍य सम्बन्धी जागरूकता फैलाना है।

40 मिनट व्‍यायाम जरूर करें

डॉ कपूर और डॉ गर्ग ने कहा कि वाकिंग यानि पैदल चलना, साइकिल चलना और जुम्बा जो की एक प्रकार की फिटनेस एक्सरसाइज है।  इन्हे या इनमें से कोई भी व्यायाम या किसी भी प्रकार का व्यायाम हर एक व्यक्ति को करना चाहिए। यदि आप किसी बीमारी से ग्रस्त हैं, तो भी अपने चिकित्सक से सलाह लेकर कोई न कोई कसरत कीजिए। यदि आप स्वस्थ हैं तो सुबह 40 मिनट की कसरत करें।

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