-20 सितम्बर को ब्रजेश पाठक को ज्ञापन देने से करेंगे शुरुआत
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। कर्मचारी-शिक्षक संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर कल 20 सितम्बर से प्रदेश के कर्मचारी-शिक्षक सभी विधायकों से मिलकर उन्हें कर्मचारी समस्याओं के निस्तारण के लिए मांग पत्र का ज्ञापन सौंपेंगे। लखनऊ में पहला कार्यक्रम कल सुबह उत्तरबप्रदेश के मंत्री बृजेश पाठक को ज्ञापन के साथ शुरू होगा।
यह जानकारी देते हुए मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष वी पी मिश्रा, महासचिव शशि मिश्रा ने बताया कि कार्यकम की रूपरेखा तैयार कर ली गयी है। उन्होंने कहा कि सरकार जिला चिकित्सालयों, महिला चिकित्सालयों को मेडिकल कॉलेज बनाने के नाम पर लीज पर देने जा रही है जो जनहित में नहीं है और कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। मोर्चा इसका भरपूर विरोध करेगा और सरकार नहीं मानी तो बड़ा आंदोलन होगा।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि परिषद मोर्चे के महत्वपूर्ण घटक हैं, आज कार्यक्रम की रणनीति के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक की गई। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय मे कर्मचारियों में निराशा व्याप्त है इस के लिए सरकार और शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया जाना आवश्यक है। साथ ही ठेकेदारी प्रथा, संविदा की स्पष्ट नीति नहीं है, पुरानी पेंशन बहाली, निजीकरण रोकने सहित विभिन्न कर्मचारी समस्याओं पर ध्यानाकर्षण के लिए 20 सितम्बर से 30 सितम्बर तक प्रदेश के सभी विधायकों को मांग का ज्ञापन सौंपने का जो निर्णय लिया गया है, उसमें परिषद की सभी जनपद शाखाओं द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया जाएगा।
प्रमुख उपाध्यक्ष एवं फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि आज कर्मचारियों की मांग है कि नई पेंशन स्कीम की जगह पुरानी पेंशन योजना बहाल हो, ठेकेदारी, संविदा समाप्त हो, वेतन व अन्य सुविधाएं केंद्र के समान दी जाएं, पुरानी पेंशन योजना लाई जाए, नेशनल हैल्थ मिशन के कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों का दर्जा दिया जाए, ठेकेदारों के माध्यम से रखे गए कर्मचारियों का दोहरा शोषण ख़त्म करते हुए उनका भविष्य सुरक्षित किया जाए ।
परिषद ने सभी पदाधिकारियों एवं जनपद शाखाओं से अनुरोध किया है कि कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करें। 20 से 30 सितम्बर तक ज्ञापन के लिए जनपद के विधायकों की संख्या देखकर उनकी उपलब्धता को देखते हुए अपनी तिथि तय कर एक प्लान पहले से बनाया गया है। कर्मचारी, विधायक गणों के आवास पर उपस्थित जनता से भी संवाद करते हुए अपनी मांगों को जनता के बीच ले जाएंगे। विधायक को मांगपत्र सौंपने के बाद उन से अनुरोध किया जाएगा कि सभी मांगों पर विधायक अपनी संस्तुति मुख्यमंत्री एवं अधिकारियों को प्रेषित कर दें।