CBSE की NEET परीक्षा में धांधली कराने वालों के खिलाफ CBI ने दर्ज किया केस

सिर्फ पैसा कमाने की होड़ कुछ लोगों को कहाँ तक ले जाती है इसका अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि महत्वपूर्ण स्थानों के लिए भी अपात्रों का चयन कराने में कोई गुरेज नहीं करते हैं. जबकि इसका खामियाजा देश की जनता को गुणवत्ताहीन सेवाओं से भुगतना पड़ता है. अभी पिछले दिनों कक्षा 12 और कक्षा 10 के पेपर लीक होने को लेकर हुए हंगामे के बाद अब डॉक्टरी पढ़ने के लिए CBSE द्वारा कराई गयी नीट परीक्षा में धांधली की बात सामने आई है. इसके बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार को MBBS के लिए संपन्न हुई NEET प्रवेश परीक्षा में धांधली करने के आरोप में चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. सीबीआई ने CBSE की शिकायत पर यह केस दर्ज किया है. सीबीएसई का कहना है कि दलालों के नेटवर्क के जरिए NEET एग्जाम में धांधली कर कुछ दलाल अपने अभ्यर्थियों को मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिला देते हैं. NEET-यूजी परीक्षा में अपने उम्मीदवारों को मेडिकल में दाख़िला दिलाने के एवज़ में ये दलाल भारी रकम ऐंठते हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सीबीएसई के निदेशक संयम भारद्वाज ने सीबीआई में दर्ज शिकायत में कहा है कि कुछ दलालों ने छात्रों को देशभर में विभिन्न सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में एनईईटी परीक्षा पास कराने में मदद की. संयम भारद्वाज ने सीबीआई को दर्ज शिकायत में धांधली करने वाले चार आरोपियों- मोहित कुमार उर्फ मौहित चौधरी, मनोज कुमार सिक्का, आरती तोमर और अश्विनी तोमर के नाम भी बताए हैं. शिकायत दर्ज करने के बाद सीबीआई ने देशभर में 6 ठिकानों पर छापेमारी की और चार आरोपियों में से तीन को गिरफ्तार भी कर लिया है.

मोहित कुमार उत्तर प्रदेश के खुर्जा का रहने वाला है, जबकि मनोज कुमार सिक्का पंजाब के लुधियाना में प्रवेश परीक्षा के लिए कंसल्टेंसी एजेंसी चलाता है. वहीं आरती तोमर और अश्विनी तोमर दिल्ली में आकृति एजुकेशन नाम से कंसल्टेंसी एजेंसी चलाते हैं. एफआईआर के मुताबिक, चारों आरोपी मिलकर एनईईटी-यूजी परीक्षा में अपने उम्मीदवारों को मेडिकल में दाख़िला दिलाने के एवज़ में मोटी रक़म भी वसूलते थे. सीबीआई में दर्ज शिकायत में सीबीएसई के निदेशक का आरोप है कि मोहित अभ्यर्थियों और उनके परिजनों को एनईईटी प्रवेश परीक्षा के जरिए मेडिकल में दाखिला दिलाने का लालच देकर फंसाता था.
वह बाकायदा अभ्यर्थियों को देशभर में विभिन्न सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में सीट दिलाने का वादा भी करता था और इसके लिए वे अवैध और अनुचित साधनों का इस्तेमाल करते थे. संयम भारद्वाज का कहना है कि ऐसा कर वे उन लाखों अभ्यर्थियों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं, जो प्रवेश परीक्षा के लिए पूरी मेहनत और लगन से तैयारी करते हैं.
साथ ही सीबीएसई के निदेशक का कहना है कि इन कृत्यों से सीबीएसई की परीक्षा प्रणाली और प्रतिष्ठा पर असर पड़ रहा है. बता दें कि एनईईटी-यूजी भारत में सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेजों में MBBS और BDS कोर्सेस के लिए प्रवेश परीक्षा है. एनईईटी परीक्षा सीबीएसई द्वारा आयोजित की जाती है जो मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय (MHRD) के अधीन आता है.

Sehat Times | सेहत टाइम्स Health news and updates | Sehat Times