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एसजीपीजीआई में ब्रेन डेड व्‍यक्ति से मिले लिवर को भी प्रत्‍यारोपित किया जायेगा

-लिवर प्रत्‍यारोपण कार्यक्रम को गति देने की तैयारी, पांच और मरीज चिन्हित

-एसजीपीजीआई, लोहिया संस्‍थान और केजीएमयू के बीच पूर्ण समन्‍वय से होगा प्रत्‍यारोपण

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई में अब लाइव रिलेटेड डोनर यानी किसी व्‍यक्ति द्वारा दिये गये लिवर के एक हिस्‍से से प्रत्‍यारोपण करने के साथ ही डिजीज्‍ड ट्रान्‍सप्‍लांट प्रोग्राम यानी ब्रेन डेड मरीज का लिवर उसके परिजनों की सहमति से निकाल कर प्रत्‍यारोपण करने का कार्यक्रम भी शुरू किया जायेगा, इसके लिए आवश्‍यक औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। इस कार्यक्रम के संचालन में केजीएमयू और डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्‍थान के साथ पूर्ण समन्‍वय स्‍थापित किया जायेगा। इस बीच युवती के सफल लिवर प्रत्‍यारोपण के साथ ही लिवर ट्रांसप्‍लांट कार्यक्रम नियमित चलाने का फैसला लिया गया है, जल्‍दी ही पांच और लोगों को लिवर प्रत्‍यारोपण किया जायेगा, इनकी प्रक्रिया शुरू हो गयी है।

यह जानकारी देते हुए संस्‍थान की ओर से कहा गया है कि सड़क दुर्घटनाओं मे गंभीर रूप से घायल व्यक्ति के ब्रेन डेड होने पर उनके परिजनों की इच्छा व सहमति से लिवर, गुर्दा, ह्रदय, फेफड़े, पैन्क्रियाज प्रत्यारोपित किये जाते हैं। इस संबंध में ऑर्गन हार्वेस्टिंग, बैंकिंग और प्रत्यारोपण पर आवश्यक दिशा-निर्देश भी तय कर दिए गए हैं, जिसे अनुमोदन के लिए शासन भेजा गया है। इसके लिए संजय गांधी पी जी आई, राम मनोहर लोहिया संस्थान व किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ के ट्रामा सेंटर से संपूर्ण समन्वय के साथ कार्यक्रम को प्रारंभ किया जाएगा।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि 3 वर्षों के ठहराव के पश्चात किये गए सफल लिवर प्रत्यारोपण के साथ लिवर प्रत्यारोपण कार्यक्रम को गति मिली है। इस कार्यक्रम को पुनर्जीवित करने में उत्तर प्रदेश सरकार का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सभी स्तर से प्रशासनिक और तकनीकी सहयोग मिलने के साथ आर्थिक सहयोग की भी आवश्यकता थी, जिसके बिना इस प्रत्यारोपण की कल्पना करना कठिन था। इसके लिए अनेक सरकारी योजनाओं से वित्तीय सहायता तो मिली है, साथ ही मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ द्वारा मुख्यमंत्री सहायता कोष से 10,00,000 की त्वरित सहायता प्रदान की गई जिससे प्रत्यारोपण संभव हो सका।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि अब इसे एक नियमित प्रक्रिया के रूप में जारी रखा जाएगा। इस दिशा में संस्थान द्वारा प्रयास जारी हैं। लिवर रोग से ग्रस्त ऐसे पांच रोगियों की पहचान कर ली गई है और उनके प्रत्यारोपण के लिए डोनर भी तैयार है।

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