-ब्रजेश पाठक ने दिए निर्देश, मरीज के साथ तीमारदारों को ठंड से बचाव के इंतजाम पुख्ता करें
-स्थायी व अस्थायी रैन बसेरे बनाकर तीमारदारों को दें राहत
सेहत टाइम्स
लखनऊ। ठंड ने दस्तक दे दी है। ऐसे में अस्पतालों में मरीज व उनके तीमारदारों को ठंड से बचाव के पुख्ता इंतजाम किये जायें। रैन बसेरे की व्यवस्थाओं को अधिकारी देखें। गद्दे-कंबल आदि का इंतजाम करें। हीटर, ब्लोवर आदि की व्यवस्था अभी से कर लें। रैन बसेरे में साफ-सफाई की व्यवस्था करें। यह निर्देश बुधवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दिए।
डिप्टी सीएम ने चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को रैन-बसेरे के इंतजामों को दुरुस्त करने के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि ठंडक धीरे-धीरे बढ़ रही है। मरीज तो वार्ड में भर्ती रहते हैं, पर, तीमारदारों को ठंड से बचाव के लिए खुद से इंतजाम करने पड़ते हैं। तीमारदारों को भी ठंड से बचाने की जिम्मेदारी अस्पताल के अफसरों की है। लिहाजा अधिकारी रैन बसेरे की व्यवस्थाओं को अभी से देखें। वहां की खिड़की-दरवाजे दुरुस्त करा लें। शौचालय से लेकर पीने के पानी तक की की व्यवस्था ठीक करा लें। वार्डों में भी ठंड से बचाव में कोई कसर न छोड़े। मरीजों को जरुरत के हिसाब से कंबल आदि उपलबध कराये जायें।
कैंसर संस्थान में बनायें रैन बसेरा
ब्रजेश पाठक ने कहा कि जिन अस्पतालों में मरीजों का दबाव अधिक है वहां अस्थायी रैन बसेरे बनाए जाएँ। इसमें किसी भी तरह की हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यही नहीं लखनऊ में कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में अभी तक रैन बसेरा नहीं है। स्थायी के साथ अस्थायी रैन बसेरे बनायें। लोहिया संस्थान में तीमारदारों की संख्या के मुकाबले रैन बसेरे नाकाफी हैं। पीजीआई में भी रैन बसेरे नाकाफी हैं। संस्थान प्रशासन इस दिशा में भी सकारात्मक कदम उठाये।
साफ-सफाई पर ध्यान दें
मरीजों को साफ कंबल उपलब्ध कराये जाएँ । नियमित कंबलों की धुलाई कराई जाये। एक मरीज का इस्तेमाल कंबल दूसरे को कतई न दिया जाये। इससे एक मरीज का संक्रमण दूसरे में फैल सकता है। इस बात का कड़ाई से पालन किया जाये। हालांकि सभी अस्पतालों में बेड के हिसाब से पर्याप्त कंबल हैं। इस व्यवस्था को और बेहतर किया जाये।