जोश और उत्साह से भरी तीन दिवसीय इण्डिया स्किल्स क्षेत्रीय प्रतियोगिता 2018 के नॉर्दर्न चैप्टर का समापन
उत्तर प्रदेश 10स्वर्ण और 4 प्रथम रनर-अप राज्य सबसे ज़्यादा विजेताओं के साथ सबसे आगे; दिल्ली 12 विजेताओं केे साथ दूसरे और पंजाब 9 विजेताओं के साथ तीसरे स्थान पर
लखनऊ। अगर आपमें कौशल दिखाने की पालखनऊवर है तो आपके लिए सरकार ने इतनी राहें खोल रखी हैं कि आप पूरी दुनिया का पावर हाउस बनने की दौड़ में शामिल हो सकते हैं। सरकार की कौशल प्रशिक्षण योजना में शामिल होने के लिए प्रत्येक जिले को अवसर मिल रहा है। उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां हर जिले में कुछ ना कुछ ऐसी सांस्कृतिक कुशलता से भरे सामान का उत्पादन होता है जिनकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एक अलग पहचान बनाई जा सकती है। जाहिर है ऐसा होने की स्थिति में जहां व्यक्ति को रोजगार और सम्मान मिलेगा वहीं भारत को भी विदेशी मुद्रा के साथ विश्व में अपनी अहमियत दिखाने का अवसर मिलेगा।
जोश और उत्साह से भरी तीन दिवसीय इण्डिया स्किल्स क्षेत्रीय प्रतियोगिता 2018 के नॉर्दर्न चैप्टर का समापन शनिवार को भव्य समारोह के साथ यहां इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में हुआ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा खेल, युवा कल्याण, व्यावसायिक एवं कौशल विकास मंत्री चेतन चौहान कार्यक्रम में उपस्थित थे।
शहर में आयोजित इस तीन दिवसीय प्रतियोगिता में 5 राज्यों-जम्मू-कश्मीर, उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड, पंजाब और चण्डीगढ़ से 200 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिसका आयोजन राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) द्वारा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के तत्वावधान में किया गया था। हर कौशल श्रेणी में एक विजेता और एक रनर-अप का ऐलान किया गया, कुल 90 पुरस्कार दिए गए।
युवाओं को कौशल प्रदान करने, उन्हें भारत सरकार के कौशल भारत मिशन के अनुरूप नौकरियों के लिए तैयार करने और बेहतर आजीविका प्रदान करने के लिए इस तीन दिवसीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विभिन्न श्रेणियों जैसे कुकिंग, रेस्टोरेन्ट सर्विस, कन्फेक्शनरी/ पेस्ट्री कुक, फैशन टेकनोलोजी, ब्यूटी थेरेपी, हेयरड्रेसिंग, वेल्डिंग, आॅटोमोबाइल टेकनोलोजी, कारपेन्टरी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिज़ाइन, वेब डिज़ाइन, इलेक्ट्रोनिक्स, आईटी साॅफ्टवेयर सोल्यूशन, ग्राफिक डिज़ाइन टेकनोलोजी, मोबाइल रोबोटिक्स में विजेताओं का ऐलान किया गया।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतिभागियों से सराहना करते हुए कहा, ‘‘इण्डिया स्किल्स प्रतियोगिताएं युवाओं को विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का मौका देती है। यह लखनऊ के लिए गर्व की बात है कि यहां इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। मैं विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागियों को बधाई देता हूं, जो लंबी दूरी तय कर यहां आए और अपने कौशल का प्रदर्शन किया। हमारे युवा हमारा भविष्य हैं और उनके कौशल में निवेश कर हम प्रधानमंत्री जी का दृष्टिकोण साकार कर सकते हैं और भारत को कौशल की दृष्टि से दुनिया की राजधानी बना सकते हैं।’’
‘‘ उत्तर प्रदेश के पारम्परिक समुदाय दुनिया भर में विख्यात हैं जैसे भदोही की गलीचा बुनाई, कानपुर और आगरा का चमड़ा उद्योग, मुरादाबाद का कांसे का काम, वाराणसी की रेशम बुनाई, लखनऊ की चिकनकारी, फिरोज़ाबाद का कांच का काम, अलीगढ़ के ताले, मेरठ के खेल उत्पाद आदि। हम इन सभी कारीगरियों में युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर उत्तर प्रदेश के लोगों को आजीविका के स्थायी साधन उपलब्ध कराना चाहते हैं; और इस प्रकार राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार लाना चाहते हैं। हम युवाओं को कौशल प्रदान कर राज्य में पर्यटन उद्योग को भी प्रोत्साहित करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘2018 में हम कौशल विकास एवं उद्यमिता के माध्यम से युवाओं और महिलाओं के सशक्तीकरण हेतु प्रयासरत हैं। उन्हें विभिन्न क्षेत्रों जैसे खाद्य प्रसंस्करण, आईटी, नागरिक विमानन, पर्यटन, आतिथ्य, ब्यूटी एवं वैलनैस आदि में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हमारी अवधारणा एक ज़िला एक उत्पाद के माध्यम से हम उत्तरप्रदेश के हर ज़िले की अनूठी क्षमता को पहचानेंगे तथा उन्हें राज्य एवं केन्द्र सरकार के साथ जोड़कर स्थानीय आर्थिक विकास में योगदान देंगे। कौशल इस यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।’’
चेतन चौहान ने कहा, ‘‘सभी विजेताओं को बहुत-बहुत बधाई। युवाओं ने अपने कौशल क्षेत्र में जिस जोश और उत्साह का प्रदर्शन किया है, वह अपने आप में सराहनीय है। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि उत्तरप्रदेश ने 11 कारोबारों में हिस्सा लिया, इनमें से 10 कारोबारों में यह पहले स्थान पर रहा। दुनिया भर में कुशल कार्यबल की मांग बहुत अधिक है। ऐसे में ज़रूरी है कि हम केन्द्र सरकार के साथ मिलकर काम करें और सुनिश्चित करें कि जल्द ही हम अन्तराष्ट्रीय बाज़ार में कौशल का पावरहाउस बन जाएं।’’
कार्यक्रम में शिरकत करने वाले अन्य दिग्गजों में शामिल थे भुवनेश कुमार, सचिव, व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग; प्रांजल यादव, मिशन डायरेक्टर, यूपीएसडीए; जयंत कृष्णा, ईडी और सीओओ, एनएसडीसी और जयकांत सिंह, सीनियर हैड-स्टेट एंगेजमेन्ट, एनएसडीसी और रंजन चौधरी, हैड- वल्र्डस्किल्स इण्डिया, एनएसडीसी आदि।
जयंत कृष्णा, ईडी और सीओओ, एनएसडीसी ने कहा, ‘‘यूपी की राजधानी में युवाओं ने शानदार प्रदर्शन किया है। युवाओं की इस प्रतिभा को सही व्यावसायिक शिक्षा देकर उच्च गुणवत्ता का कुशल कार्यबल तैयार किया जा सकता है। इण्डिया स्किल प्रतियोगिता राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर युवाओं को अवसर प्रदान करती है और भारतीय प्रतिभाशाली युवाओं को अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का मौका देती है।
समापन समारोह की शुरुआत एक छोटी सी फिल्म के साथ हुई, जिसके माध्यम से विभिन्न पृष्ठभूमि से आए प्रतियोगियों की यात्रा पर रोशनी डाली गई। इसके बाद विजेताओं का ऐलान किया गया, उन्हें पुरस्कार वितरित किए गए।
क्षेत्रीय प्रतियोगिता के सदर्न चैप्टर का आयोजन बैंगलोर में 21 से 23 जून के बीच होगा। क्षेत्रीय प्रतियोगिताओं के विजेताओं को 15 से 18 जुलाई के बीच नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा। इण्डिया स्किल्स क्षेत्रीय प्रतियोगिताएं युवाओं को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का मौका देती हैं। इन विजेताओं को अगस्त 2019 में कज़न, रूस में आयोजित वर्ल्ड स्किल्स प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा। 2017 में इस प्रतियोगिता का आयोजन आबू धाबी में किया गया था, जिसमें 56 देशो से आए प्रतिभागियों के बीच भारत 19वें स्थान पर रहा। 51 कौशल/कारोबारों में 1300 से अधिक प्रतियोगियों ने हिस्सा लिया था।