Saturday , April 20 2024

चिकित्‍सा व्‍यवस्‍था की जमीनी हकीकत जानने टीम सहित निकल पड़े योगी

-मुख्‍यमंत्री ने लोहिया आयुर्विज्ञान संस्‍थान पहुंचकर लिया मरीजों से फीडबैक

योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लोहिया संस्थान में स्ट्रेचर पर लेटी मरीज के बारे में ली जानकारी

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने जनता के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए दी जाने वाली सुविधाओं की जमीनी हकीकत परखने के लिए न सिर्फ खुद मोर्चे पर जुट गये बल्कि अपने सिपहसालारों को निर्देश दिये हैं कि व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने, जनता से सीधा फीडबैक प्राप्त करते हुए कार्यों की हकीकत को मौके पर परखने के लिए औचक निरीक्षण किए जाएं। मुख्‍यमंत्री ने स्‍वयं जहां लोहिया संस्‍थान का निरीक्षण किया वहीं चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्‍ना, चिकित्‍सा स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री जय प्रताप सिंह के साथ ही प्रमुख सचिव स्‍वास्‍थ्‍य ने भी विभिन्‍न चिकित्‍सालयों का निरीक्षण कर मरीजों से मिलकर उनसे सुविधाओं के बारे में जानकारी ली, तथा अस्‍पतालों को आवश्‍यक निर्देश दिये।

यह जानकारी अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने बुधवार को यहां लोक भवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए दी। उन्‍होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री को अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों का आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने स्‍वयं बुधवार को यहां डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आमजन से संवाद स्थापित करते हुए अस्पताल की सेवाओं की जानकारी प्राप्त की तथा चिकित्सकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के कार्य को राज्य सरकार ने कोविड-19 के संक्रमण से निपटने के लिए और गति प्रदान की है। विभिन्न श्रेणी के कोविड अस्पतालों की स्थापना, वहां डॉक्टरों सहित हर स्तर के प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मियों की उपलब्धता, दवा एवं संक्रमण से बचाव वाले उपकरणों की व्यवस्था के साथ-साथ अन्य रोगियों के लिए टेलीमेडिसिन के द्वारा चिकित्सीय परामर्श तथा इमरजेंसी सेवाओं का संचालन कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इन समस्त व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभागों तथा प्रशासन को टीम भावना के साथ समन्वित रूप से कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

श्री अवस्थी ने बताया कि नियमित संवाद व सम्पर्क के माध्यम से प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि लॉकडाउन को सफल बनाए रखने के लिए मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक समस्त जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकों से नियमित संवाद कायम रखें। उन्होंने ग्रामीण तथा शहरी इलाकों में सेनिटाइजेशन कार्य को सतत् जारी रखने के निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि केन्द्र के सहयोग से प्रदेश सरकार विभिन्न राज्यों से कामगारों/श्रमिकों की सुरक्षित व सम्मानजनक प्रदेश वापसी सुनिश्चित कर रही है।

मुख्‍यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश आने वाले समस्त कामगारों/श्रमिकों की स्क्रीनिंग करते हुए इन्हें क्वारंटीन सेन्टर अथवा होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जाए। क्वारंटीन सेन्टर तथा शेल्टर होम में स्वच्छता और सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कामगारों/श्रमिकों सहित सभी जरूरतमंदों को कम्युनिटी किचन के द्वारा शुद्ध एवं भरपेट भोजन की व्यवस्था की जाए। क्वारंटीन सेन्टर में कामगारों/श्रमिकों की स्किल मैपिंग करते हुए उनका मोबाइल नम्बर एवं बैंक खाता संख्या सहित सम्पूर्ण विवरण संकलित किया जाए, जिससे इन्हें रोजगार प्रदान करने में सुविधा होगी। कामगारों/श्रमिकों की स्किलिंग कराकर औद्योगिक संगठनों से मुलाकात कराया जाय। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से प्रत्येक कामगार/श्रमिक से बात किया जाय।

श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि होम क्वारंटीन के लिए घर जाने वाले कामगारों/श्रमिकों को खाद्यान्न किट उपलब्ध कराई जाए तथा होम क्वारंटीन के दौरान इन्हें एक हजार रुपए का भरण-पोषण भत्ता अवश्य उपलब्ध कराया जाए। 

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों में बेड की संख्या को इस माह के अन्त तक बढ़ाकर एक लाख बेड कर लिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी नवनिर्मित अस्पताल में बेड की संख्या 100 से कम न हों। पुलिस, पी0ए0सी0, फायर सर्विस तथा रेलवे पुलिस के कर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिए सभी सुरक्षात्मक उपाय किए जाएं। चिकित्साकर्मियों को मेडिकल इंफेक्शन से बचाने के उद्देश्य से उनका प्रशिक्षण कार्य निरन्तर संचालित किया जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को अपने-अपने जनपद के सभी कोविड चिकित्सालयों, चिकित्सा सेवाओं का आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं, इसके साथ ही लखनऊ के सरकारी अस्पतालों की आकस्मिक चिकित्सा सेवाओं का निरीक्षण करने के निर्देश दिये हैं।