Friday , November 22 2024

पैरों में बिना कुछ चिपके, अगर चिपकने का अहसास हो, तो हो सकता है साइटिका

-बिना किसी दवा के किस तरह आराम पायें साइटिका के दर्द से

-एक्‍यूप्रेशर स्‍पेशियलिस्‍ट डॉ अलका सक्‍सेना ने दी विस्‍तार से जानकारी

डॉ अलका सक्‍सेना

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। अगर आप नंगे पैर फर्श पर चल रहे हों और आपको महसूस हो कि आपके पैर के नीचे कुछ चिपक रहा है, और आप पैर के नीचे देखें कि कुछ भी नहीं चिपका है परंतु चलने पर कुछ चिपका हुआ महसूस हो तो समझ लें कि आपको साइटिका होने वाला है या हो चुका है।

यह कहना है यहां इन्दिरा नगर में निजी प्रैक्टिस करने वाली उत्‍तर प्रदेश स्‍टेट मेडिकल फैकल्‍टी में रजिस्‍टर्ड प्रथम एक्‍यूप्रेशर-एक्‍यूपंक्‍चर स्‍पेशियलिस्‍ट डॉ अलका सक्‍सेना का। उन्‍होंने बताया कि साइटिका किसी भी स्त्री या पुरुष को हो सकता है और किसी भी आयु में हो सकता है परंतु 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में अधिक सम्भावना रहती है। उन्‍होंने बताया कि अधिक तेजी से सीढ़ियां चढ़ने-उतरने से, अधिक वजन उठाने से, एक हाथ में अधिक वजन उठाकर चलने से,  उंची-नीची जगह पर अचानक पैर रख जाने से, अधिक उछल कूद से, झुक कर वजन उठाने से, गिर जाने से, पैर फिसल जाने से, अधिक पेट और वजन बढ़ने से या कुछ और कारणों से रीढ़ की हड्डी के मनकों की सेटिंग खराब हो जाने से पैरों में जाने वाली नसें दबाव में आ जाने से साइटिका दर्द होता है, यह कमर से चल कर एक नस में पैर तक जाता है।

डॉ अलका का कहना है कि दर्द से बचने के लिये दर्द निवारक दवाऐं खाने से बचें। साइटिका के इलाज के लिए फीजियोथेरेपी सबसे उत्तम उपाय है।

उन्‍होंने बताया कि अगर आपके आसपास कोई पेड़ हो और उसकी कोई मजबूत टहनी सीधी ग्रांउड लैवल के समानांतर हो, आप अपने दोनों हाथों से उस टहनी को पकड़ कर बिना मुड़े सीधा लटक जायें। ध्यान रहे टहनी कमजोर न हो। जितनी देर आपकी कमर सह सके उतनी ही देर लटके रहें और फिर आराम से उतरें ऐसा तीन बार करें। धीरे-धीरे समय बढ़ाते चले जायें।

डॉ अलका का कहना है कि टहनी की जगह आप अपने घर के गेट के उपर लगी ग्रिल या झूले आदी के पाइप के सहारे भी लटक सकते हैं।

बेड पर उल्टा लेट कर दर्द वाली जगह को गर्म पानी की बोतल से दस मिनट सिकाई करे, हल्की सैर भी नियमित रूप से करें।

किसी दीवार के साथ सट कर खड़े होकर गर्दन को बिल्कुल सीधा करके सिर को भी दीवार के साथ लगा कर तीन से पांच मिनट तक सीधे खड़े हों।

एक कटोरी तिल के तेल में सात कलियां लहसुन और आधा चम्मच अजवाइन डाल कर कुछ देर पका लें।

उसको छान कर रख लें।

गुनगुने तेल के साथ दर्द वाले स्थान की मालिश करवाइये।

मालिश नीचे से उपर की ओर पैर से कमर की ओर करें।

यह सब कुछ करते समय ध्यान रखें कि झटका बिल्कुल न लगें।

मालिश बहुत अधिक रगड़ कर मत करें।

पैर के नीचे के दर्द वाले पॉइंट व सुन्न पॉइंट किसी पेंसिल या नाड़ा डालने की सलाई या ऐसी ही वस्तु से दबवायें। उल्टा लेट जायें। फिर जिस नस में दर्द है उसको पैर से टांग फिर कूल्हे की ओर जाते हुए रीढ़ की हड्डी तक ऐसे दबवाऐं कि खून का प्रेशर उस नस में नीचे से उपर को पड़े।

बेड पर बिना तकिया सीधा शरीर को बिल्कुल ढीला करके लेट जायें।

किसी दूसरे से बाईं टांग को घुटने के थोड़ा उपर से पकड़ कर बाकी टांग को बाजू के सहारा देते हुऐ सीधा वहां तक उपर तक उठा कर ले जायें जहां तक उठ सके और जहां दर्द होने लगे वहां रुक जायें।  कुछ देर रोक कर नीचे ले जायें।

ऐसा तीन बार करें।

तीन बार ही दाईं टांग के साथ ऐसा व्यायाम करवायें।

उसके बाद पांच मिनट आराम से लेटे रहें।

टांग को उपर उठा कर ध्यान रहे घुटना सीधा रहे, पैर की एड़ी को उपर की ओर खींचते हुए पैर के पंजे को अंदर को मोड़ें जिससे टांग की पिछली साइड की नसें दबेंगी। ऐसा पहले दायें पैर फिर बायें पैर में तीन तीन बार करें।

बेड पर सीधे लेट कर दोनों घुटनों को मोड़ लें।

दोनो हाथों से पहले दायें घुटने को खींच कर पेट से लगायें कुछ देर रोक कर रखें फिर आराम से वापिस ले जायें। ऐसा तीन बार करें।

फिर ऐसा ही तीन बार बायें को भी करें।

दर्द वाले स्थान की गर्म पानी की बोलत से सिंकाई करें।

जब भी बेड आदि पर लेटे हुऐ हों तो हमेशा पहले पैरों को नीचे लटका कर फिर बैठें।

तीन पाऊच विटामिन डी के ले लीजिए। एक पाउच एक सप्ताह में एक दिन दूध में मिलाकर पी लें। तीन पाऊच तीन सप्ताह चलेंगे। उसके बाद और पाऊच मत लें।

अपने बैठने का तरीका ठीक रखें।

सुबह खाली पेट रात को भिगोकर रखे हुए चार या पांच बादाम छिलका उतार कर खायें और एक गिलास गर्म दूध पीयें।

ऑटो रिक्शा में भूलकर भी सफर मत करें।

ऊंची एड़ी के जूते चप्पल मत पहने।

सॉफ्ट गद्दे वाले बेड में ही सोयें।

कोशिश करें की बिल्कुल सीधा ही सोयें और तकिया ना लें। और जब सीधा लेटे हों तो बालों का जूड़ा खोल दें।

जब करवट लेकर लेटें तब गर्दन के नीचे बिल्कुल सॉफ्ट तकिया लें। ताकि गर्दन सीधी रहे।

कभी भी लेटकर मोबाइल यूज मत करें।

और मोबाइल यूज करते समय गर्दन सीधी रखें।

सीढ़ियां मत चढ़ें। अगर घर सीढ़ियां चढ़ना-उतरना मजबूरी हो तो बहुत आराम से ही चलें। कोशिश करें जहां भी आप रहें आपका कमरा ग्राउंड फ्लोर पर हो। झुक कर कोई सामान उठाने से बचें। पानी की भरी बाल्टी या ऐसा कोई सामान मत उठाऐं। भागने-दौड़ने से परहेज करें। पैरों में एक्यूप्रेशर वाली चप्पलों को पहनें। उन्‍होंने बताया कि यह तकलीफ बिल्कुल खत्म तो नहीं होगी परंतू 99% तक आपको आराम देगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.