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लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान को प्रशंसा और शुभकामनाओं के साथ एक साल में लिवर ट्रांसप्लांट शुरू करने का टास्क दे गये डॉ पॉल

-इंदिरा गांधी प्रतिष्ठाान में धूमधाम से मनाया गया राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान का स्थापना दिवस

-उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शैक्षिक व चिकित्सीय कार्यों के लिए की लोहिया संस्थान की सराहना

सेहत टाइम्स
लखनऊ।
नीति आयोग के सदस्य डॉ विनोद कुमार पॉल ने डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (आरएमएलआई) कों एक वर्ष में लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू करने का टास्क देते हुए कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि वर्तमान में हो रहे किडनी ट्रांसप्लांट की तरह लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू करने की क्षमता लोहिया संस्थान में है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि संस्थान अगले तीन सालों में देश के टॉप 50 और वर्ष 2030 तक टॉप 25 संस्थानों में अपनी जगह बनाने का प्रयास करे।

डॉ पॉल ने यह बात यहां गोमती नगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आरएमएलआई के स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने लोहिया संसथान की अब तक की प्रगति के लिए बधाई देते हुए संस्थान की कार्यशैली की सराहना की। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने से पहले बहुत से कार्य करने हैं, विकसित भारत के लिए स्वा​स्थ्य एक महत्वपूर्ण विषय है। उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ सेवाओं के लिए हमे 9 बजे से 5 बजे तक संस्थान में रहना है, यह नहीं सोचना है बल्कि हमे सोचना है कि जब तक संस्थान में आवश्यकता है, तब तक ड्यूटी करनी है। उन्होंने कहा कि स्पेशियलिटी सेवाओं के लिए अपरान्ह की ओपीडी पर विचार करें। ओटी रोज प्रात: सवा आठ बजे प्रारम्भ होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि यूपी में यह अच्छी बात है कि डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस की अनुमति नहीं दे रखी है।

उन्होंने कहा कि आवश्यक संख्या में चिकित्सक, नर्सेज, पैरामेडिकल स्टाफ पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें विशेषज्ञ तैयार करने पर जोर देना चाहिये, उन्होंने कहा कि डीएनबी करने वाले लोग भी आपके अपने ही हैं, उन्हें अपने साथ जोड़ें। आयुष्मान भारत कार्ड, प्रत्येक मरीज की डिजिटल आईडी सहित अनेक योजनाओं में यूपी देश भर में सबसे आगे हैं, यह अत्यन्त हर्ष की बात है। डॉ पॉल ने कहा कि चिकित्सा के अतिरिक्त भी कई अन्य चीजें जैसे शौचालय, उज्ज्वला योजना, नल में जल जैसी चीजों की भी अच्छे स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि विकसित देशों में औसतन आयु 80 वर्ष से ऊपर है, इस दिशा में हमें कार्य करने के लिए मृत्यु दर पर नियंत्रण करना होगा इसके लिए हृदय रोग, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, कैंसर जैसे रोगों पर काबू पाना होगा।

डॉ पॉल ने मेडिकल में पीजी करने वाले छात्रों को जिलों के अस्पतालों मेंं तैनात करने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि साथ ही यह भी तय करना होगा कि उनके तैनाती स्थल के पास ही उनके रहने की व्यवस्था हो जिससे कि उनसे आपका कनेक्शन रहे। उन्होंने कहा कि एसजीपीजीआई, केजीएमयू, लोहिया इंस्टीट्यूट जैसे संस्थानों को नये खुलने वाले मेडिकल कॉलेजों को उन्हेें स्थापित करने में उनकी मदद करनी चाहिये। उन्होंने मेडिकल छात्रों का आह्वान किया कि वे अपने संस्थान विश्वास रखें।

इससे पूर्व अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ राजीव कुमार बहल ने कहा कि एक अच्छे चिकित्सक, शिक्षक के साथ ही अच्छा शोधकर्ता भी बनें वर्ना आपका इस क्षेत्र में कार्य करना व्यर्थ है। उन्होंने शोध कार्य के लिए किस प्रकार प्रक्रिया अपनायें इसके बारे में भी जानकारी दी।

तेजी से सुधर रही हैं स्वास्थ्य सेवाएं : ब्रजेश पाठक

इस मौके पर उपस्थित प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग के साथ ही उपमुख्यमंत्री का दायित्व संभाल रहे ब्रजेश पाठक ने लोहिया संस्थान के शिक्षण कार्यों के साथ ही चिकित्सा कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि एसजीपीजीआई और केजीएमयू पर भार कम करने के लिए लोहिया संस्थान की स्थापना की गयी थी, जिसमें यह सफल रहा है। उन्होंने कहा कि यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से सुधार हो रहा है। नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। अस्पतालों में आधुनिक मशीनें व संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मच्छर जनित बीमारियों को खत्म करने में भी सफलता मिल रही है।

ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रत्येक जनपथ में मेडिकल कालेज खोले जा रहे हैं। इससे एमबीबीएस डॉक्टरों की कमी पूरी करने में मदद मिलेगी। मरीजों को बेहतर इलाज घर के पास मिल सकेगा। पीजी व सुपर स्पेशियालिटी की सीटों में भी वृद्धि की गई है। श्री पाठक ने कहा कि मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में आधुनिक मशीनें स्थापित की जा रही हैं। आईसीयू स्थापित किए जा रहे हैं। डायलिसिस यूनिट स्थापित की जा रही हैं।

10 में से 8 मरीजों को जिलों में ही मिल सकता है इलाज

इस मौके पर उपस्थित चिकित्सा शिक्षा व चिकित्सा स्वास्थ्य विभागों के प्रमुख सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा ने प्रदेश में स्थापित हो रहे मेडिकल कॉलेजों की स्थिति बताते हुए कहा कि ऐसा देखा गया है कि 10 में से 8 मरीजों को इलाज उनके जनपद में ही मिल सकता है, लेकिन उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया जाता है। इस पर कार्य करने की जरूरत है। नये मेडिकल कॉलेजों को गाइड करने की जिम्मेदारी के साथ ही वहां स्थापित अस्पतालों को एसजीपीजीआई, केजीएमयू, लोहिया संस्थानों द्वारा यह समझाने की जरूरत है कि किस प्रकार अधिक से अधिक मरीजों को वहीं इलाज मिले।

नयी चिकित्स सेवाओं का लोकार्पण

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री द्वारा संस्थान की नई चिकित्सा सेवायें जैसेः- मैटरनल आईसीयू., पीडियाट्रिक्स नियोनेटल आई.सी.यू, पीडियाट्रिक्स सर्जरी एवं ऑब्स एण्ड गायनी के लिए मॉडुलर ओ.टी., बहुमंजिला नर्सिंग आवास, इमरजेन्सी वार्ड के विस्तार के लिएा अतिरिक्त 30 आईसीयू बेडों, हॉस्पिटल ब्लॉक में थैलेसीमिया डे केयर वार्ड की स्थापना एवं बहुमंजिला गर्ल्स हॉस्टल का लोकार्पण भी किया गया। समारोह में संस्थान की निदेशक प्रो सोनिया नित्यानंद ने वार्षिक प्रगति रिपोर्ट के बारे मे बताया। उन्होंने संस्थान को मिली उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। धन्यवाद प्रस्ताव संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एके सिंह ने दिया।

इन्हें किया गया सम्मानित

इस मौके पर प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों के अलावा फैकल्टी व अन्य कार्मिकों को पुरस्कृत भी किया गया। इनमें बेस्ट स्पोर्ट्समैन वर्ष 2023 पुरुष लक्ष्य गौतम, बेस्ट स्पोर्ट्समैन ईयर 2023 फीमेल पल्लवी चौधरी, बेस्ट स्पोर्ट्समैन ईयर 2023 फीमेल शैलजा मलिक, बेस्ट स्टूडेंट इन कल्चरल एक्टिविटीज ईयर 2023 वाले श्री गोपाल बेस्ट इन कल्चरल एक्टिविटीज ईयर 2023 हिमांशी वेश बेस्ट स्टूडेंट इन लिटरेरी एक्टिविटीज ईयर 2023 पुरुष श्री गोपाल, बेस्ट इन लिटरेरी एक्टिविटीज ईयर 2023 फीमेल पयासी शाक्य को दिया गया इसके अतिरिक्त वार्षिक शोध दिवस के लिए बेस्ट पेपर अवार्ड टू फैकेल्टी इन बेसिक साइंसेज फॉर पब्लिश्ड रिसर्च डॉ अर्पिता सिंह, बेस्ट पेपर अवार्ड टू फैकेल्टी इन क्लिनिकल साइंसेज फॉर पब्लिश्ड रिसर्च के लिए डॉक्टर दिनकर कुलश्रेष्ठा बेस्ट रिसर्च अवॉर्ड टू फैकेल्टी इन बेसिक साइंसेज फॉर अनपब्लिश्ड रिसर्च के लिए डॉक्टर सौम्या शुक्ला बेस्ट रिसर्च अवॉर्ड टू फैकेल्टी इन क्लिनिकल साइंसेज फॉर अनपब्लिश्ड रिसर्च के लिए डॉक्टर अनुराग अग्रवाल, बेस्ट रिसर्च अवॉर्ड टू रेजिडेंट रिसर्च स्कॉलर इन बेसिक साइंसेज के लिए डॉक्टर शिप्रा डोभाल, बेस्ट रिसर्च अवॉर्ड टू रेजिडेंट इन क्लिनिकल साइंसेज डॉक्टर रंजीत सिंह और बेस्ट रिसर्च अवॉर्ड टू एमबीबीएस स्टूडेंट के लिए शताक्षी संगल को पुरस्कृत किया गया। इसके अतिरिक्त डायरेक्टर्स अप्रिशिएसन मेडल फॉर आउटस्टैंडिंग कंट्रीब्यूशन टू द इंस्टीट्यूट के तहत नर्सिंग और पैरामेडिकल कैटेगरी में नर्सिंग सुपरीटेंडेंट कामिनी कपूर व अल्पना चार्ल्स को, सीनियर डाइटीशियन पूनम तिवारी, टेक्निकल ऑफीसर प्रियंका पांडे, टेक्निकल ऑफीसर रेडियोलॉजी दिनेश कुमार रत्नाकर और मेडिकल रिकॉर्ड ऑफिसर मोहम्मद खालिद को सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त डायरेक्टर्स अप्रिशिएसन मेडल फॉर आउटस्टैंडिंग कंट्रीब्यूशन टू दि इंस्टीट्यूट के लिए फैकल्टी कैटेगरी में प्रोफेसर अतुल जैन, विभागाध्यक्ष फार्मोकोलॉजी को, पैथोलॉजी के प्रोफेसर प्रद्युम्न सिंह को, एनेस्थीसिया के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर सुजीत राय और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सर्जरी की डॉक्टर स्मिता चौहान को दिया गया। इसके अतिरिक्त उपकरणों को पेटेंट कराने के लिए डॉ सौम्य शंकर नाथ और डॉक्टर मोहम्मद कैफ को सम्मानित किया गया जबकि पुस्तक लेखन के क्षेत्र में एमरजैंसी एंड ट्रॉमा पुस्तक के लिए डॉक्टर स्वागत महापात्र व डॉक्टर शिव शंकर त्रिपाठी को तथा पीडियाट्रिक ट्रॉमा रिससाइटेशन मॉड्यूल के लिए डॉक्टर नेहा ठाकुर को तथा कॉम्पेंटेंसी बेस्ड टेक्स्ट बुक ऑफ एनेस्थीसिया के लिए डॉक्टर सौम्य शंकर नाथ को पुरस्कृत किया गया।


इस मौके पर पूर्व निदेशक डॉ एके त्रिपाठी, अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ संजीव मिश्रा व अन्य अतिथियों के साथ ही लोहिया संस्थान की फैकल्टीज, नर्सिंग व पैरामेडिकल सहित अन्य कार्मिक भी उपस्थित रहे।

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