Friday , April 26 2024

जो इलाज छोटे केंद्र पर किया जा सकता है, उसके लिए बड़े संस्‍थानों पर भीड़ क्‍यों

-छोटे से लेकर बड़े अस्‍पतालों तक की व्‍यवस्‍था मजबूत बनाने की‍ दिशा में अमेरिकी यूनिवर्सिटी के करार करेगा केजीएमयू

-जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय, बाल्टीमोर, संयुक्त राज्य अमेरिका के एक दल ने किया केजीएमयू का दौरा

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। उफ, हम लोग हैरान हैं कि इतनी बड़ी संख्‍या में मरीजों को आखिर डॉक्‍टर देखते कैसे हैं… किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी जैसे उच्‍च स्‍तरीय संस्‍थानों पर लोड कम करने की जरूरत है, इसके लिए छोटी-छोटी बीमारियों के लिए लोगों को वेलनेस सेंटर, प्राइमरी हेल्‍थ सेंटर पर ही समुचित इलाज मिल जाये तो टरशरी केयर अस्‍पतालों पर मरीजों की भीड़ को कम किया जा सकता है, इससे केजीएमयू जैसे अस्‍पतालों के डॉक्‍टरों को मरीज को देखने का पर्याप्‍त समय मिल सकेगा, क्‍योंकि उच्‍च स्‍तरीय इलाज के लिए अगर मरीज को समय देकर नहीं देखा जायेगा तो यह कहीं न कहीं मरीज के लिए ही नुकसानदायक है।

ये टिप्‍पणियां अमेरिका से आये चिकित्‍सकों के दल की हैं, यह दल केजीएमयू के साथ मिलकर यहां की चिकित्‍सा सेवाओं को व्‍यापक रूप से सुदृढ़ करने की दिशा में कार्य करने के लिए होने वाले करार से पूर्व आज 4 अगस्‍त को केजीएमयू का विजिट करने आया था। जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय, बाल्टीमोर, संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रधान कार्यालय से जेपिएगो की वरिष्ठ नेतृत्व टीम ने केजीएमयू का दौरा किया, टीम की कुलपति, लेफ्टिनेंट जनरल डॉ बिपिन पुरी के साथ एक चर्चा हुई और  अमेरिकी टीम में उपाध्यक्ष देबोरा बॉसमेयर, मुख्य वित्तीय और परिचालन अधिकारी अभिषेक भसीन और ग्लोबल एचआर बर्नाडेट चैनर शामिल रहे। 

कुलपति के साथ जिन विषयों पर चर्चा हुई उनमें प्राथमिक अनुसंधान करने के लिए संस्थानों की क्षमता बढ़ाने के लिए साझेदारी और सहयोग देने की बात हुई। इसके अलावा इसके लिए  विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर क्षमता निर्माण कार्यक्रमों की रूपरेखा तय कर उन्‍हें कार्यान्वित करना,  टेलीमेडिसिन को मजबूत करना और पीएचसी, सीएचसी से लेकर उच्‍च स्‍तरीय संस्थानों में चिकित्‍सा की सुविधाएं सुलभ बनाना शामिल है। जाहिर है कि अगर बीमारियों की गंभीरता के अनुसार मरीज का  इलाज पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्‍पतालों पर हो जायेगा तो उच्‍च संस्‍थानों पर मरीजों की भीड़ कम होगी जिससे उन्‍हें अच्‍छे से देखने का मौका मिल सकेगा। यह व्‍यवस्‍था किस प्रकार अच्‍छे से कार्य करे, इसी को लेकर केजीएमयू अमेरिकी टीम के साथ एमओयू पर हस्‍ताक्षर करने जा रहा है। बताया जा रहा है कि अभी कुछ और टीमें यहां का दौरा करेंगी, जिसके बाद ही औपचारिक एमओयू साइन किया जायेगा

जॉन हॉपकिन्‍स यूनिवर्सिटी, बाल्टीमोर के वरिष्ठ नेतृत्व दल के साथ यूनिवर्सिटी के भारत में कंट्री हेड  डॉ. सोमेश कुमार, प्रोग्राम डाइरेक्‍टर  डॉ. नीरज अग्रवाल और जेपिएगो के भारत में कंट्री ऑफि‍स के सलाहकार डॉ. आशीष श्रीवास्तव  और स्टेट प्रोग्राम मैनेजर,  लखनऊ उत्तर प्रदेश  डॉ. संजय त्रिपाठी ने केजीएमयू में डॉ. शीतल वर्मा, माइक्रोबायोलॉजी विभाग के साथ टेलीमेडिसिन हब का दौरा किया ताकि डिजिटल इनोवेशन ई-संजीवनी को और मजबूती दी जा सके। ज्ञात हो कोरोना काल के समय से ही डॉ शीतल वर्मा की देखरेख में टेलीमेडिसिन के माध्‍यम से मरीजों को देखकर प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य कार्य में महत्‍वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.