Wednesday , July 30 2025

अमेरिका में सम्मानित होते हुए डॉ सौम्या ने कहा, केजीएमयू की शैक्षणिक परम्परा की देन है मेरी उपलब्धि

-डाइजेस्टिव डिजीज वीक-2025 में भाग लेकर डॉ सौम्या ने हासिल की ऐतिहासिक उपलब्धि

-केजीएमयू के जनरल सर्जरी की पहली फैकल्टी, जिन्हें SSAT ने सत्रों की अध्यक्षता के लिए किया आमंत्रित

सेहत टाइम्स/धर्मेन्द्र सक्सेना

लखनऊ/सैन डिएगो,(अमेरिका)। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU), लखनऊ की अतिरिक्त प्रोफेसर (सर्जरी), डॉ. सौम्या सिंह ने Digestive Disease Week (DDW) 2025 में भाग लेकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम की है। यह आयोजन अमेरिका के सैन डिएगो में संपन्न हुआ, जिसमें दुनिया भर से 13,000 से अधिक विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह सम्मेलन गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी के क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित मंच माना जाता है।

डॉ. सौम्या सिंह, KGMU की पहली सर्जिकल (General surgery) फैकल्टी हैं, जिन्हें Society for Surgery of the Alimentary Tract (SSAT) के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय सत्रों के आयोजन और अध्यक्षता के लिए आमंत्रित किया गया।

उनकी अग्रणी उपलब्धियों में शामिल है DDW के इतिहास में पहली बार आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का सफल नेतृत्व, जिसका शीर्षक था: “साथ मिलकर हम बेहतर हैं: कोलोरेक्टल सर्जरी और एब्डोमिनल वॉल रिकंस्ट्रक्शन का समागम।” इस सत्र में साइप्रस, कोलंबिया, जर्मनी, अमेरिका और भारत के प्रमुख सर्जनों और शिक्षकों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम वैश्विक शैक्षणिक समन्वय और बहुविषयक सहयोग का एक उदाहरण बन गया।

इसके अतिरिक्त, डॉ. सौम्या ने दो और अंतरराष्ट्रीय सत्रों का संचालन किया:
• “द डिफिकल्ट गॉल ब्लैडर एंड बियॉन्ड”
• हिपैटोबिलियरी सर्जरी,

इन सत्रों में जर्मनी, मैक्सिको, अमेरिका और भारत के विशेषज्ञ शामिल हुए। जिसमें जटिल सर्जिकल मामलों पर विचार-विमर्श और अनुभवों का आदान-प्रदान हुआ।

डॉ सौम्या के उत्कृष्ट वैश्विक योगदान को मान्यता देते हुए, उनको SSAT प्रेसिडेंशियल ट्रैवल ग्रांट से सम्मानित किया गया, जो उन्हें SSAT के अध्यक्ष प्रो. रियाल एस. टेलर (जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी, अमेरिका के प्रसिद्ध पैंक्रियाटिक सर्जन) द्वारा व्यक्तिगत रूप से प्रदान किया गया।

डॉ. सौम्या सिंह ने इस अवसर पर कहा कि “यह सम्मान केवल मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह KGMU की शैक्षणिक परंपरा, मेरे शिक्षकों के मार्गदर्शन और संस्थागत मूल्यों की देन है। मैं अपने सभी गुरुओं और अपने संस्थान की सदैव आभारी रहूंगी।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.