-विश्व फीजियोथेरेपी दिवस पर केजीएमयू में समारोह का आयोजन
सेहत टाइम्स
लखनऊ। जोड़ प्रत्यारोपण की सर्जरी हो या फिर प्लास्टिक सर्जरी सभी में सर्जरी के बाद की फीजियोथेरेपी की भूमिका अत्यन्त कारगर और महत्वपूर्ण है। समय के साथ-साथ फीजियोथेरेपी के क्षेत्र में शिक्षा और उपचार के नये आयाम स्थापित हुए है। फीजियोथेरेपी के महत्व पर आज विश्व फीजियोथेरेपी दिवस पर केजीएमयू सहित प्रदेश के दूसरे मेडिकल कॉलेजों व चिकित्सालयों पर चर्चा हुई।
यह जानकारी देते हुए प्रोविंशियल फीजियोथेरेपी एसोशिएसन के अध्यक्ष अतुल मिश्रा ने बताया कि लखनऊ में यहां केजीएमयू के शताब्दी अस्पताल स्थित स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग में आयोजित समारोह में विभागाध्यक्ष प्रो आशीष कुमार ने जोड़ों के प्रत्यारोपण की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सर्जरी के बाद फीजियोथेरेपी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। इससे अंगों को सामान्य रूप से कार्य करने लायक बनाने में बहुत मदद मिलती है। डा0 अभिषेक सैनी ने घुटने के लिगामेंट की चोट का उपचार व रिहैबिलिटेशन पर चर्चा की।
प्लास्टिक सर्जरी विभाग, केजीएमयू के प्रो वीरेन्द्र कुमार ने इस अवसर पर सभी फीजियोथेरेपिस्ट को शुभकामनाएं दीं तथा प्लास्टिक सर्जरी करने के बाद सही फिजियोथेरेपी होने से सर्जरी की सफलता पर प्रकाश डाला तथा इसके महत्वूपर्ण योगदान पर चर्चा की तथा बताया कि जलने के बाद जोड़ों को वापस उसी तरह मूवमेंट में लाने में फीजियोथेरेपी बहुत उपयोगी है। इसके अलावा फीजियोथेरेपी विधा की अत्याधुनिक विद्याओं तथा एडवांसमेन्ट पर डा0 अरविन्द सोनकर, एसोसिएट प्रोफेसर ने विस्तृत रूप से चर्चा की।
समारोह में प्रोविंशियल फीजियोथेरेपी एसोशिएसन के अध्यक्ष अतुल मिश्रा ने आधुनिक परिवेश में चिकित्सा क्षेत्र में फीजियोथेरेपी की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज यह विद्या चिकित्सा के हर क्षेत्र में अपनी उपयोगिता को सिद्ध कर चुकी है। समारोह में केक काट कर फीजियोथेरेपी दिवस मनाया गया, जिसमें डा0 प्रणय सिंह, डा0 रविन्द्र गौतम, डा0 श्रद्धा वर्मा आदि फीजियोथेरेपिस्ट ने प्रमुख रूप से प्रतिभाग किया।