-ढाई घंटे की जटिल सर्जरी के बाद 105 किलो वजन वाली महिला की बच्चेदानी से 4 किलो का ट्यूमर निकाला
सेहत टाइम्स
लखनऊ। मोटापा अपने आप में एक बड़ी समस्या है, साथ ही अनेक रोगों का घर है, इस पर अगर कहीं इमरजेंसी उपचार की आवश्यकता पड़ जाये तो चिकित्सक भी जल्दी-जल्दी हाथ लगाने से इनकार कर देते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ यहां लखनऊ में एक 45 वर्षीया के साथ। हाई ब्लड प्रेशर, हाईपोथायरायड जैसी समस्याओं के साथ ही बच्चेदानी में चार किलो का ट्यूमर झेल रही इस महिला को अनेक नामचीन सरकारी और निजी अस्पतालों से निराशा हाथ लगी क्योंकि वहां चिकित्सकों ने महिला की स्थिति देखकर हाथ लगाने से इनकार कर दिया। महिला की समस्या का अंत बलरामपुर अस्पताल में डॉ एसआर समद्दर के पास पहुंचकर हुआ। डॉ समद्दर ने इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
इस बारे में डॉ समद्दर ने बताया कि 105 किलो वजन वाली महिला पिछले सप्ताह उनकी ओपीडी में पेट में सूजन और दर्द की शिकायत लेकर आयी थी। जांच करने पर पता चला कि उसकी बच्चेदानी में ट्यूमर है। डॉ समद्दर बताते हैं कि महिला को हाई ब्लडप्रेशर के साथ ही हाईपोथायरायड की शिकायत भी थी साथ ही ज्यादा वजन होने के कारण सर्जरी में ब्लीडिंग सहित एनेस्थीसिया आदि के समय अनेक प्रकार के जोखिम होते हैं लेकिन चूंकि महिला का ट्यूमर भी अपने आप में एक बड़ी परेशानी का कारण बन सकता था इसलिए सर्जरी प्लान करने के अलावा कोई रास्ता न था।
डॉ समद्दर ने बताया कि सबसे पहले मरीज का उच्च रक्तचाप व हाईपोथायरायड नियन्त्रित किया गया उसके बाद आज 3 जून को सर्जरी कर बच्चेदानी में चार किलो का ट्यूमर निकाला गया। उन्होंने बताया कि सर्जरी में ढाई घंटे का समय लगा, संतोषजनक बात यह है कि सर्जरी ब्लीडिंग रहित रही जिस कारण उसे रक्त की आवश्यकता भी नहीं पड़ी। उन्होंने बताया कि मरीज अब खतरे से बाहर है और स्वास्थ्य लाभ कर रही है।
इस जटिल सर्जरी में डॉ एसआर समद्दर के साथ शामिल रहे चिकित्सकों में डॉ एके श्रीवास्तव, डॉ भट्ट एवं डॉ भास्कर के अलावा रेजीडेंट डॉ मो. अनस व स्टाफ उमा व सीमा शामिल रहे।