-प्रो टिक्कू ने लोगों को समझाया, कुदरती दांतों को बचाकर रखें, नकली के चक्कर में न पड़ें
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय से लगे हुए चौक इलाके में गुरुवार को भी रोज की तरह लोगों की आवाजाही लगी हुई थी, इसी बीच फूलों की लडि़यों से सजे नीले रंग के ट्रैक्टर को चला रहे रौबीली मूंछों वाले चिकित्सक के साथ ट्रैक्टर पर सवार करीब 35 चिकित्सकों व अन्य लोगों को देखकर राहगीरों व उधर से गुजरने वाले हर शख्स के कदम ठिठक गये, हर शख्स कौतूहलवश देखने पर विवश हो गया कि आखिर माजरा क्या है, पूछा गया तो पता चला कि ट्रैक्टर चला रहे केजीएमयू के कन्जर्वेटिव डेन्टिस्ट्री एवं एंडोडॉन्टिक्स विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो एपी टिक्कू कॉन्स इण्डो डे के मौके पर अपने विभाग के संकाय सदस्यों, स्नातकोत्तर विद्यार्थियों व अन्य लोगों के साथ ट्रैक्टर पर सवार होकर आम जनता के बीच जागरूकता संदेश देने निकले थे। जागरूकता रैली केजीएमयू परिसर का चक्कर लगा कर चौक की सड़कों पर घूमती हुई छोटा-बड़ा इमामबाड़ा, रूमी गेट आदि होती हुई वापस केजीएमयू पर समाप्त हुई।
इस बारे में प्रो टिक्कू ने बताया हमने जनता के बीच यह संदेश देने दिया कि कुदरत से मिले दांत अनमोल हैं, इसलिए इन्हें बचाये रखने के लिए इनकी सफाई और देखभाल अत्यंत आवश्यक है, और यदि इसमें किसी प्रकार की दिक्कत होती है तो उसका इलाज करायें न कि इसे निकलवाने की सोचें। उन्होंने कहा कि लोगों को बताया गया कि कुदरत से मिले अपने दांतों को बचाये रखने के प्रति जागरूक रहें, इनकी देखभाल करें।
ट्रैक्टर चलाकर लोगों के बीच जाने के सवाल पर उन्होंने बताया कि दरअसल रैली का उद्देश्य दांतों को बचाये रखने के लिए लोगों को जागरूक करना था, उनके जागरूक होने के लिए यह आवश्यक था कि वे हमारी कही बातों पर ध्यान दें, और इस तरह से यात्रा करने पर जहां आम आदमी के बीच पहुंचना आसान रहा वहीं ट्रैक्टर पर चिकित्सकों को देखकर लोगों को हमारा संदेश सुनने के लिए करना ही हमारा उद्देश्य था, जो कि सफल रहा। रैली में बैनर एवं पोस्टर के माध्यम से भी दन्त क्षय में बचाव तथा उपचार की जानकारी जनमानस तक देने का प्रयास किया।


देखें वीडियो जब ट्रैक्टर चलाते प्रो एपी टिक्कू रूमी गेट से गुजरे
कार्यक्रम के उपरांत स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्रों की एक पोस्टर प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। गौरतलब है कि पिछले वर्ष इसी दिन 5 मार्च 2019 को विभाग में एक ही दिन में 795 फीलिंग निशुल्क की गई थीं तथा 5 मार्च 2018 को एक ही दिन में 170 मुफ्त रूट कैनाल उपचार किए गए थे जो कि अपने आप में एक विश्व कीर्तिमान है।
इस अवसर पर प्रो0 एपी टिक्कू ने रूट कैनाल ट्रीटमेंट तथा फिलिंग के माध्यम से प्राकृतिक दांतों के बचाव पर जोर दिया। इसके साथ ही अधिष्ठाता दंत संकाय प्रो0 अनिल चन्द्रा ने बताया कि दन्त क्षय दुनिया में सबसे अधिक सामान्यतः पाई जाने वाली बीमारी है और इसको बड़े ही आसान तरीके से जैसे कि खान-पान में बदलाव, मुख स्वच्छ रखने से काबू किया जा सकता है। कार्यक्रम के आयोजन में विभाग के अन्य अध्यापक डॉ प्रोमिला वर्मा, डॉ राकेश कुमार यादव, डॉ रमेश भारती, डॉ विजय कुमार शाक्य, डॉ रिदम तथा डॉ प्रज्ञा पाण्डेय ने सक्रिय सहयोग दिया।
