Wednesday , January 15 2025

आईसीयू में भर्ती रोगियों के लिए किस प्रकार के भोजन का करें निर्धारण

-डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में राष्ट्रीय आहार दिवस पर आयोजित हुई संगोष्ठी

सेहत टाइम्स

लखनऊ। संस्थान के डायटिटिक्स विभाग द्वारा राष्ट्रीय आहार दिवस (जो प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है ) के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें ”आईसीयू में पोषण समर्थन : चुनौतियाँ और सर्वोत्तम प्रथाएं ” विषय पर चर्चा की गयी।
संगोष्ठी का शुभारम्भ संस्थान के निदेशक प्रो0 (डा0) सी0एम0 सिंह द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। दीप प्रज्ज्वलन के दौरान संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो0 अजय कुमार सिंह, डीन, प्रो0 प्रदुम्मन सिंह, प्रो0 पी0के 0दास, विभागााध्यक्ष,ए नेस्थीसिया विभाग, प्रो0 विक्रम सिंह, चिकित्सा अधीक्षक, प्रो0 अफजल अजीम, क्रिटिकल केयर विभाग, एसजीपीजीआई, डा0पूनम तिवारी,चीफ डाइटिशियन लोहिया संस्थान, प्रो0 भुवन चन्द तिवारी, मीडिया प्रभारी, संकाय सदस्य, कर्मचारी एवं संगोष्ठी में पंजीकृत डाइटिशियन उपस्थित रहीं। संगोष्ठी में उपिस्थत गणमान्य व्यक्तियों का फल की टोकरी देकर स्वागत किया गया।

संगोष्ठी के मुख्य अतिथि संस्थान के निदेशक प्रो0 (डा0) सी0एम0 सिंह, ने अपने संबोधन में विभाग को राष्ट्रीय आहार दिवस के अवसर पर आयोजित की गई संगोष्ठी के लिए बधाई दी। उन्होंने समय के साथ चिकित्सा जगत में डाइटिशियन की बढ़ती महत्वपूर्ण भूमिका पर अपने विचार साझा किए। किसी भी मरीज के स्वस्थ होने में एक डाइटिशियन की क्या भूमिका होती है पर उन्होंने विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला।

संगोष्ठी के वक्ता प्रो0 अफजाल अजीम ने गंभीर देखभाल में पोषण संबंधी निदान और स्क्रीनिंग व्यावहारिक दृष्टिकोण विषय पर अपने अनुभव बताएं। उन्होंने पोषण और मृत्यु दर का जोखिम, सामान्य पोषण मूल्यांकन, कुपोषण पर वैश्विक नेतृत्व पहल, आईसीयू रोगियों के लिए स्क्रीनिंग उपकरण, न्यूट्रिक स्कोर, वैयक्तिक, वैश्विक मूल्यांकन जैसे विषयों को प्रस्तुतीकरण के माध्यम से सरलता पूर्वक समझाया।

संगोष्ठी के वक्ता प्रो0 पीके दास ने गंभीर देखभाल वाले रोगियों और एकमो थेरेपी पर चल रहे रोगियों में पोषण संबंधी देखभाल किस प्रकार की जाए विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया। जिसमें उन्होंने गंभीर मरीजों में पोषण सहायता क्या है के बारे में बताया। उन्होंने पोषण का अपर्याप्त सेवन आईसीयू के मरीजों में कुपोषण का कारण बनती है विषय पर भी विस्तार पूर्वक जानकारी दीं गंभीर मरीजों में पोषण क्यों आवश्यक है इस पर भी जानकारी दी और ईएन (EN) का क्या महत्व है और वह क्यों जरूरी है और किस तरह से उपलब्ध है के बारे में भी बताया।
संगोष्ठी के अंत में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें संगोष्ठी में प्रतिभाग करने वाली डाइटिशियन ने अपने सवालों के जवाब या किसी भी विषय पर उनको कुछ संदेह है कि जानकारी संगोष्ठी के वक्ताओं से प्राप्त की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.