-स्थानांतरण नीति के पैरा 12 में संशोधन के लिए मुख्यमंत्री से लेकर प्रमुख सचिवों तक को पत्र
सेहत टाइम्स
लखनऊ। कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर प्रदेश के लाखों कर्मचारी स्थानान्तरण नीति के विरुद्ध प्रदेशव्यापी आन्दोलन करेंगे, इसमें कामबन्दी भी शामिल है। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्रीगण के साथ ही मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव कार्मिक एवं सभी प्रमुख सचिवों को नोटिस भेज दी गयी है। इस नोटिस में कहा गया है कि 26 जून तक का समय प्रदेश सरकार को दिया गया है। इस समय तक अगर मांग पूरी नहीं की गयी तो इसके बाद आंदोलन होगा जिसमें कामबंदी शामिल है।
कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के महासचिव शशि कुमार मिश्र ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि कल मोर्चा की बैठक वीपी मिश्र की अध्यक्षता में वन विभाग में सम्पन्न हुई। बैठक में सतीश कुमार पाण्डे वरिष्ठ उपाध्यक्ष, सुरेश कुमार रावत, अशोक कुमार नर्सेज संघ, संदीप बडोला अध्यक्ष, डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन, राम मनोहर कुशवाहा अध्यक्ष, एक्सरे एसोसिएशन, भारत सिंह यादव अध्यक्ष, लोक निर्माण विभाग एसोसिएशन, एसपी तिवारी, जेपी पाण्डेय आदि लोग उपस्थित थे।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, कार्मिक समस्त प्रमुख सचिवों, सचिवों को नोटिस भेज कर चेतावनी दी गयी कि कर्मचारियों की वर्ष 2023-24 के लिए स्थानान्तरण नीति जो जारी की गयी है उसकी पैरा 12 के अन्तर्गत समस्त संगठनों के प्रदेश अध्यक्ष/महामंत्री, जनपदीय अध्यक्ष/मंत्री को दो वर्ष कार्यकाल समाप्त होने पर स्थानान्तरण कर दिया जायेगा। सरकार द्वारा यह सोची समझी नीति के तहत इसलिए किया गया है कि सभी कर्मचारी संगठन कमजोर हो जायेंगे और वे आन्दोलन नहीं कर पायेंगे। बैठक में इस नीति का पुरजोर विरोध करने के लिए सर्वसम्मत आन्दोलन करने का निर्णय लिया गया जिसके तहत यदि 26 जून तक स्थानान्तरण नीति का पैरा 12 संशोधित नहीं किया गया तो संगठनों का अस्तित्व बचाने के लिए प्रदेशव्यापी आन्दोलन किया जायेंगा। जिसमें कामबन्दी भी शामिल है।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों (कार्य बहिष्कार) ने पूरा समर्थन दिया, और कहा गया कि प्रदेश के सभी कर्मचारी संगठन एकजुट रहें, 26 जून के बाद बड़े आन्दोलन, जिसमें कामबन्दी भी शमिल है, को सफल बनाकर अपने अस्तित्व को बचाने के लिए तैयार रहें।
सतीश पाण्डे, अध्यक्ष राज्य कर्मचारी महासंघ ने सरकार के कर्मचारी संगठन विरोधी रवैये को देखते हुए बड़े से बड़ा संघर्ष करने का आवाहन किया। सुरेश रावत एवं अतुल मिश्र महामंत्री राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने कहा कि उन्होंने स्थानान्तरण नीति के विरुद्ध पहले से ही आन्दोलन की नोटिस रखा है और स्वास्थ्य विभाग के आन्दोलन का पूरा समर्थन दिया है।
इसी तरह स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ राजकीय निगम कर्मचारी महासंघ, फेडरेशन ऑफ फारेस्ट के महामंत्री आशीष पाण्डे, फेडरेशन आफ फार्मासिस्ट के महामंत्री सुनील यादव, प्राथमिक शिक्षक संघ, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री गिरीश मिश्र आदि ने मोर्चा के आन्दोलन का पूरा समर्थन देकर सरकार को चेतावनी दी है कि कर्मचारी संगठन के अस्तित्व को बचाने के लिए बड़े से बड़ा संघर्ष करेंगे।
वीपी मिश्र ने बताया कि प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से कल मोर्चा के पदाधिकारियों ने कर्मचारियों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा हुई थी और उन्होंने आश्वासन दिया कि कर्मचारी संगठनों की मांगों पर वे स्वयं वार्ता करके सकारात्मक निर्णय करेंगे। स्वास्थ्य विभाग के स्थानान्तरण नाम मात्र के किये जायेंगे, क्योंकि स्थानान्तरण से जनता को परेशानी होगी। इलाज में बाधा पड़ेगी।
श्री मिश्र ने उपमुख्यमंत्री से कहा कि स्वास्थ्य विभाग के स्थानान्तरण न किये जायें, जिससे कि अस्पताल सुचारु रूप से जनता की सेवा करते रहें। वीपी मिश्र ने कहा कि 30 वर्ष से चली आ रही स्थानान्तरण नीति को परिवर्तित करके कर्मचारी संगठनों के अस्तित्व को समाप्त करने की क्या आवश्यकता है। कर्मचारी संगठन तो शासन एवं कर्मचारियों के बीच सेतु का काम करके आपसी सद्भाव बनाकर जनता की सेवा करने का काम करते हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि स्थानान्तरण नीति के पैरा 12 में संशोधन करके पूर्व की व्यवस्था लागू करायें जिससे शासन एवं कर्मचारियों के बीच आन्दोलन की स्थिति न बने, क्योंकि इससे विभागीय कार्य में बाधा पड़ेगी एवं स्थानान्तरण हो जाने से सभी चिकित्सालय अस्त-व्यस्त हो जायेंगे, इसलिए 26 जून से पूर्व स्थानान्तरण नीति के पैरा 12 को संबोधित करके पूर्व व्यवस्था को लागू करायें।