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भर्ती के इंतजार में बीत रहे दो-दो, तीन-तीन दिन, न एम्‍बुलेंस मिल रही, न बेड

-24 घंटे में दो डॉक्‍टर, दो नर्स सहित लखनऊ में 282 नये कोरोना पॉजिटिव पाये गये, पांच की मौत

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में कोरोना मरीजों के बढ़ते संक्रमण से संक्रमित व्‍यक्तियों को बहुत दुश्‍वारियां झेलनी पड़ रही हैं, वहीं आम आदमी इस भयावह होती स्थिति को देखकर चिंतित हुआ जा रहा है। ऐसे में समझदारी इसी में है कि समझदारी से काम लेकर अपने आप को संक्रमण से बचा कर रखा जाये। हालात ये हैं कि मरीजों को एम्‍बुलेंस न मिलना, अस्‍पतालों में बेड न मिलना आम होता जा रहा है। भर्ती के इंतजार में दो-दो, तीन-तीन दिन बीत रहे हैं। कंट्रोल रूम में लोग फोन करते हैं तो कोई रिस्‍पॉन्‍स नहीं मिलता है। चिकित्‍सा से जुड़े डॉक्‍टर व अन्‍य कर्मी लगातार संक्रमित हो रहे हैं। सोमवार को भी डॉ श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्‍पताल के दो डॉक्‍टर व दो स्‍टाफ नर्सों सहित 282 नये रोगियों का पता चला है, जबकि पांच लोगों की मौत की खबर है।

रोजाना सैकड़ों नये मरीजों के बढऩे से मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय समेत अस्पतालों में अफरा तफरी का माहौल व्याप्त है। सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग संक्रमित मरीजों को भर्ती कराने का दावा तो कर रहा है, मगर हकीकत है कि संक्रमित मरीजों को खुद सीएमओ ऑफिस फोन करना पड़ रहा है, मगर विभाग से रिस्पांस नहीं मिल रहा है। एम्बुलेंस न मिलने से अस्पतालों में भर्ती भी नहीं हो रही है। वहीं सोमवार को विभिन्न अस्पतालों से 67 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया।

सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ.आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि अस्पताल में डीएनबी कर रहें दो चिकित्सक, दो स्टाफ नर्स और एक वार्ड ब्वॉय में संक्रमण की पुष्टि हुई है। वहीं दूसरी ओर विभिन्न क्षेत्रों के 282 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, इन्हें शीघ्र ही भर्ती कराने का दावा किया जा रहा है। मगर, वास्तव में बीते दो से तीन दिन पुराने रोगियों को भी भर्ती नहीं किया जा सका है। विवेकानंद हॉस्पिटल में भर्ती गंभीर मरीज को कोरोना की पुष्टि के बाद केजीएमयू या पीजीआई में बेड नहीं मिला। वहीं राजाजीपुरम निवासी संक्रमित मरीज शशिकांत शुक्ल ने भर्ती होने के लिए कई बार सीएमओ कार्यालय खुद फोन किया, मगर दूसरी तरफ से कोई रिस्‍पॉन्‍स नहीं मिला। इसी प्रकार कई मरीजों को सरकारी नियमों के अनुपालन में एम्बुलेंस का इंतजार है। इसके अलावा सबसे ज्यादा मुसीबत निजी पैथोलॉजी में जांच कराने वालों की है, क्‍योंकि उन्हें सीएमओ कार्यालय में प्रमाणित कराना होता है कि वो संक्रमित हो चुके हैं और उन्हें भर्ती होना है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार को विभिन्न अस्पतालों से 67 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है। लोकबन्धु कोविड अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.अमिता यादव ने बताया कि उनके यहां वर्तमान में 4 गर्भवती समेत 70 मरीज भर्ती हैं। नियमानुसार लक्षण रहित मरीजों को 10 दिन बाद बिना जांच के डिस्चार्ज किया जा रहा है। सोमवार को तीन मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है। इसके अलावा केजीएमयू में दो की मृत्यु हो गई हैं, प्रवक्ता डॉ.सुधीर सिंह ने बताया कि लाजपत नगर चौक निवासी 90 वर्षीय पुरुष को 19 जुलाई को शाम को एक्यूट रेस्पेरेटरी डिस्टे्रस सिंड्रोम की शिकायत के साथ भर्ती किया गया था। रोगी रेस्पेरेटरी फेल्योर में चला गया और सोमवार को मृत्यु हो गई है। इसी प्रकार 55 वर्षीय पुरुष, निवासी लखनऊ की 19 जुलाई शाम 6 बजे कोरोना वार्ड में मृत्यु हो गयी। रोगी को 19 जुलाई अपरान्‍ह 4 बजकर 5 मिनट पर भर्ती किया गया था। रोगी को severe respiratory distress और septic shock था। रोगी को cardiopulmaonary arrest एवं multiple organ failure हो गया था। इन दोनों कारणों से रोगी की मृत्यु हो गयी।