-केजीएमयू, लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, एसजीपीजीआई के फैकल्टी का भी मिला समर्थन
सेहत टाइम्स
लखनऊ। कोलकाता के सरकारी मेडिकल कॉलेज आरजी कर मेडिकल कॉलेज में मानवता को तार-तार कर देने वाली घटना, जिसमें महिला रेजीडेंट डॉक्टर के साथ दरिंदगी करते हुए रेप के बाद उसकी हत्या कर दी गयी, को लेकर देश भर में रेजीडेंट चिकित्सक सड़कों पर हैं। इन चिकित्सकों की मांग जहां घटना के दोषियों को फांसी जैसी कड़ी सजा देने की मांग है, वहीं रेजीडेंट डॉक्टरों के कार्यस्थल पर सुरक्षा के वातावरण की मांग भी की है, इन चिकित्सकों ने इस समय इमरजेंसी को छोड़कर बाकी सभी कार्य ठप कर रखे हैं, चूंकि किसी भी मेडिकल कॉलेज में रेजीडेंट डॉक्टर वहां के अस्पताल की रीढ़ होते हैं, सीनियर डॉक्टरों की सलाह पर भौतिक रूप से मरीज के पास रहते हुए ये चिकित्सक घंटों-घंटों की ड्यूटी करते हैं। जिस महिला रेजीडेंट के साथ यह घटना घटी है वह भी 36 घंटों से ड्यूटी कर रही थी।
घटना में शामिल दोषियों को बचाने के आरोप राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर लग रहे हैं, इन आरोपों का आधार मेडिकल कॉलेज प्रशासन की संदिग्ध गतिविधियों की सरकार द्वारा अनदेखी करना है। वहां के प्रिंसिपल का व्यवहार, सीबीआई जांच सौंपने में विलम्ब करना जैसी बातों के साथ ही दो दिन पूर्व 14 अगस्त की रात को भारी संख्या में आये अराजक तत्वों द्वारा जबरदस्त तरीके से तोड-फोड़ कर घटनास्थल से सबूतों को मिटाने की कोशिश किया जाना है। इसको लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा राज्य सरकार को कड़ी फटकार भी लगायी गयी है। इस कुत्सित प्रयास ने देश भर के डॉक्टरों के साथ ही दूसरे क्षेत्रों के संवेदनशील लोगों में आक्रोश और बढ़ा दिया है।
यूपी की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को भी सुबह से लेकर शाम तक सड़कों पर प्रदर्शनों का दौर चला। रेजीडेंट डॉक्टरों ने आज 1090 चौराहे पर पहुंचकर प्रदर्शन किया, अब भी जिसका खून न खौला, खून नहीं वो पानी है… वी वांट जस्टिस जैसे नारेबाजी करते हुए अपनी ताकत का अहसास कराया। इस चिकित्सकों के समर्थन में सीनियर चिकित्सक डॉ विक्रम सिंह, डॉ एपी जैन आदि भी पहुंचे। आईएमए के चिकित्सकों डॉ रुखसाना खान, डॉ वारिजा सेठ, डॉ श्वेता सिंह समेत अन्य चिकित्सकों ने भी यहां पहुंचकर कड़े कानून बनाने की मांग की।
यूरोलाजिकल एसोसिएशन ऑफ़ यूपी के अध्यक्ष प्रोफेसर एच एस पाहवा ने कहा है कि कोलकाता में हुए जघन्य अपराध के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर आयोजित 24 घंटे के कार्य बहिष्कार को हमारे संगठन का पूरा समर्थन है।
राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में भी जताया गया विरोध
टूड़ियागंज स्थित राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल परिसर में भी रेजीडेंटों ने वरिष्ठ डॉक्टरों के साथ कोलकाता की घटना पर अपना विरोध दर्ज कराया। रेजीडेंटों ने परिसर में बैनर लेकर मार्च निकाला। प्राचार्य डॉ. माखनलाल, अस्पताल प्रभारी मेडिकल अफसर डॉ. धर्मेंद्र कुमार, डॉ. अंजना द्विवेदी, डॉ. दीपक मिश्रा, डॉ. सरोज, डॉ. जया, छात्र सौरभ वर्मा, सुशांत सिंह, सत्यम, आयुष आदि रहे। देर शाम को कैंडल मार्च निकालकर पीड़िता की आत्मा की शांति की प्रार्थना की।
लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने निकाला कैंडल मार्च
कोलकाता गैंग रेप केस और हत्या में, लेडी डॉक्टर को न्याय दिलाने के लिए शुक्रवार को शाम 5 बजे लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र- छात्राओं द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से कैंडल मार्च निकाला गया ।मुख्य रूप से काजल गुप्ता, ओशिका सिंह, कशिश राजपूत, श्रद्धा यादव, सचिन सोनी, कृतांश तिवारी, ध्रुवराज गुप्ता, निखिल सिंह, एक्सपीरियंस शुक्ला, इंद्रजीत शुक्ला ,दिव्यांश गुप्ता, निखिल, हर्षित शुक्ला और अन्य छात्र छात्राएं शामिल हुए और छात्रों का कहना है अगर जल्दी से जल्दी निष्पक्ष जांच पूरी नहीं हुई और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा नहीं हुई तब लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं जीवन दाता डॉक्टरों के सपोर्ट में एक विशाल धरने को बाध्य होंगे।