Friday , April 26 2024

फि‍स्‍चुला का इलाज अब बिना मांसपेशियां नष्‍ट हुए सिर्फ एक चीरे से

प्रॉक्‍टोलॉजी अपडेट में जुटे देश भर के 500 कोलन एंड रेक्‍टल सर्जन्‍स
विश्‍व के एडवांस सेंटर्स में से एक है केजीएमयू स्थित सेंटर

लखनऊ। फि‍स्‍चुला का इलाज अब लिफ्ट (ligation of inter sphincteric fistula tract) प्रक्रिया से बहुत आसान हो गया है, इस विधि में एक छोटे से चीरा लगाकर उसकी जड़ काट दी जाती है जो बाद में सूख जाती है। इस प्रक्रिया से इलाज करने से मसल्‍स कटने का डर नहीं रहता है, जो कि पहले रहता था।

इस विधि की जानकारी रविवार को यहां अटल बिहारी साइंटिफि‍क कन्‍वेन्‍शन सेंटर में आयोजित प्रॉक्‍टोलॉजी अपडेट में केजीएमयू के डॉ अरशद अहमद ने देश भर से आये करीब 500 चिकित्‍सकों के बीच प्रस्‍तुत की। आपको बता दें कि फि‍स्‍चुला रोग संक्रमण, फोड़ा होने के कारण होने वाला रोग है।  डॉ अरशद ने बताया कि सबसे पहले एक होल कर दूरबीन से देख लिया जाता है कि फि‍स्‍चुला की जड़ कहां पर है, उसके बाद एक चीरा लगाकर फि‍स्‍चुला की जड़ को काट दिया जाता है। डॉ अरशद ने बताया कि केजीएमयू के सर्जरी विभाग में लिफ्ट विधि से फि‍स्‍चुला का इलाज किया जा रहा है। उन्‍होंने बताया कि केजीएमयू का हमारा सेंटर विश्‍व में सबसे एडवांस केंद्रों में से एक है।

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ के शल्‍य चिकित्‍सा विभाग द्वारा  Proctology Update  शैक्षणिक कार्यक्रम (सीएमई) का आयोजन किया गया। डॉ अरशद इस आयोजन के सचिव भी हैं। उन्‍होंने कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सीएमई में देश भर से करीब 500 सर्जन्‍स से भाग लिया। इसका शुभांरभ वरिष्ठ शिक्षक प्रोफेसर टीसी गोयल द्वारा, विभागाध्यक्ष प्रो0 अभिनव अरुण सोनकर, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसएन संखवार,,  एसोसिएशन ऑफ कोलन एंड रेक्‍टल सर्जन्‍स ऑफ इंडिया के  अध्यक्ष डा0 अशोक कुमार तथा आयोजन सचिव डा0 अरशद अहमद की उपस्थिति में किया गया।

डॉ अरशद अहमद ने बताया कि पहले सत्र में डॉ अरशद ने ऐनोरेक्टल एनाटमी तथा डा0 अवनीश कुमार ने बवासीर तथा भगन्दर के कारणों के विषय में बताया। डा0 निरंजन अग्रवाल ने बवासीर के मेडिकल प्रबंधन, डा0 कुशल मित्तल ने बवासीर के  Office procedures  तथा डा0 परवेज शेख ने  hemorrhoidectomy के विषय में बताया। इसके अलावा Minimally invasive procedures  जैसे कि DGHAL ( Doppler-Guided Hemorrhoid Artery Ligation) के विषय में डा0 रमाकान्त,  MIPH (Minimally Invasive Procedure for Haemorrhoid) के विषय में डा0 अशोक कुमार ने तथा  LHP  के विषय में डा0 कमल गुप्ता ने जानकारी दी।

डा0 अरशद ने बवासीर विषय पर पैनल चर्चा का आयोजन किया जिसमें डा0 रमाकान्त, डा0 परवेज शेख, डा0 अशोक कुमार, डा0 निरंजन अग्रवाल, डा0 कुशल मिततल, तथा डा0 कमल गुप्ता ने शमिल हुए। बवासीर के कारणों के बारे में डॉ अरशद ने बताया कि मुख्‍य रूप से जिसे कब्‍ज की शिकायत रहती है, खानपान में मैदा का सेवन ज्‍यादा करते हैं, उनकी जीवन शैली आराम तलब है, उन्‍हें इसके होने की संभावना ज्‍यादा रहती है। एक प्रश्‍न के उत्‍तर में उन्‍होंने बताया कि यह जेनेटिक रोग नहीं है, चूंकि एक परिवार के लोगों की लाइफ स्‍टाइल एक सी होती है इसलिए सभी को जब बवासीर की शिकायत होती है तो लोग इसे जेनेटिक समझ लेते हैं।

सीएमई में डा0 सुरेन्द्र मन्टो द्वारा fistulotomy, डा0 निरंजन अग्रवाल के द्वारा  fistulotomy डा0 परवेज शेख द्वारा Fistulectomy and primary sphincter repair  तथा डा0 एम0 साहू द्वारा क्षार सूत्र विधि के विषय में बताया गया।

Sphincter preserving procedures जैसेकि VAAFT, FiLaC, LIFT  के विषय में डा0 कुशल मित्तल, डा0 परमेशवर तथा डा0 अरशद अहमद ने क्रमशः जानकारी दी। डा0 अरशद ने भगन्दर (fistula)  पर पैनल चर्चा का आयोजन किया जिसमें डा0 परवेज शेख, डा0 निरंजन अगरवाल, डा0 कुशल मित्त्ल, डा0 परमेशवर, डा0 सुरेन्द्र मन्टो तथा डा0 एम0 साहू शमिल हुए।

डा0 सुरेन्द्र मन्टो ने Imaging in pelvic floor disorders डा0 ए0के0 खन्ना ने Simplified Suture Rectopexy डा0 अभिजीत चन्द्रा ने Lap ventral rectopexy, डा0 यू0सी0 घोषाल ने Chronic constipation तथा डा0 एच0एस0 पाहवा ने Dysfunction Eliminations syndrome- A Urologist perspective विषय पर चर्चा की।

डा0 ए0ए0 सोनकर ने Management of Anal fissure तथा डा0 ए0के0 खन्ना ने management of pilonidal sinus के विषय में जानकारी प्रदान की। डा0 ब्रजेश मिश्रा ने management of anal stenosis तथा डा0 अशोक कुमार ने management of fecal Incontinence के विषय में जानकारी प्रदान कीं। Lecture के अतिरिक्त anorectal disease की सर्जरी तथा आधुनिक एवं नई तकनीक का video presentation किया गया।