Saturday , November 23 2024

उत्तर प्रदेश में चिकित्सकों के लिए भी बनी तबादला नीति

सिद्धार्थ नाथ सिंह

मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया निर्णय

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने आज एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए अस्पतालों में तैनात होने वाले चिकित्सकों के लिए तबादला नीति तय कर दी है। यही नहीं लम्बे समय से चल रही चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए सीधी भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू करने का निर्णय लिया है। अभी तक चिकित्सकों की तैनाती लोक सेवा आयोग के ही माध्यम से की जाती रही है।
यह निर्णय मंगलवार 13 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया। निर्णय की जानकारी देते हुए सरकार के प्रवक्ता तथा स्वास्थ्य मंंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि मौजूदा समय से चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

चार श्रेणियों में बांटा गया है प्रदेश के सभी जिलों को

तबादला नीति की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि नीति में पूरे प्रदेश के जनपदों को चार श्रेणियों में बांट दिया गया है। इसके तहत ए श्रेणी में 16, बी में 29, सी में 19 तथा डी श्रेणी में 11 जिले रखे गए हैं। साथ ही चिकित्सकों के तबादलों के लिए मानक भी तय किए गए हैं और इसके लिए आवेदन करने की अवधि 1 फरवरी से 31 मार्च निर्धारित की गयी है। श्री सिंह ने बताया कि चिकित्सकों के तबादले एक सॉफ्टवेयर के माध्यम से किए जायेंगे और चिकित्सकों को अपनी तैनाती के लिए ऑन लाइन ही आवेदन करने होंगे।

किस तरह चुनेंगे जिलों के विकल्प

उन्होंने बताया कि जिन चिकित्सकों की सेवायें पांच साल तक की हैं, वे सी और डी श्रेणी के लिए अपने विकल्प दे सकेंगे। जबकि दस वर्ष तक की सेवायें दे चुके चिकित्सक बी श्रेणी वाले जिलों में तथा दस वर्ष से अधिक की सेवायें दे चुके चिकित्साधिकारी ए श्रेणी के जिलों के लिए विकल्प दे सकेंगे। उन्होंने बताया कि विषय विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती वहीं की जायेंगी जहां आवश्यक उपकरण आदि सुविधायें उपलब्ध हों। इसके अतिरिक्त तबादला नीति में चिकित्सक पति-पत्नी को एक ही स्थान पर तैनाती देने की भी व्यवस्था की गयी है।

अलग-अलग श्रेणी के लिए अलग-अलग वेतनमान

अलग-अलग श्रेणियों वाले जिलों के लिए वेतनमान भी निर्धारित कर दिया गया है। यदि एमबीबीएस चिकित्सक ए, बी के अलावा सी और डी श्रेणी के जिलों में अपनी नियुक्ति चाहता है तो उसे वेतन 65 हजार रुपए प्रतिमाह दिया जायेगा। वहीं ए व बी श्रेणी के जिलों में नियुक्ति पाने वाले को 50 हजार रुपए ही वेतन मिलेगा, जबकि इसी प्रकार विषय विषेषज्ञ चिकित्सकों के लिए वेतनमान 80 हजार से एक लाख 20 हजार रुपए निर्धारित किया गया है।

1000 पदों पर होगी सीधी भर्ती

श्री सिंह ने बताया कि सूबे में चिकित्सकों के कुल 18382 पद हैं और इनमें से 7348 पद रिक्त हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सकों की नियुक्ति की व्यवस्था लोक सेवा आयोग करता रहा है। उन्होंने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार ने एक हजार पदों पर नियुक्ति के लिए आयु सीमा में वृद्धि की थी। इस कवायद से लेकिन सिर्फ 297 चिकित्सकों की ही भर्ती संभव हो सकी थी। अब मौजूदा सरकार ने इन्हीं एक हजार पदों को 500-500 में बांट दिया है, इनमें 500 पद एमबीबीएस चिकित्सकों के लिए तथा 500 पद विषय विषेषज्ञ चिकित्सकों के लिए होंगे और इन पदों को सीधी भर्ती से भरा जायेगा।

तीन सदस्यीय समिति करेगी सीधी भर्ती

सीधी भर्ती से नियुक्ति के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। जिसमें डीजी स्वास्थ्य, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य अथवा सचिव सदस्य होंगे एवं तीसरे सदस्य को प्रमुख सचिव नामित कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि इन चिकित्सकों की नियुक्ति एक वर्ष के लिए करार के माध्यम से की जायेगी और बेहतर प्रदर्शन करने पर इसे दो साल किया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.