-लोहिया संस्थान परिवार ने नौवें वर्ष भी रक्तदान करके किया नये वर्ष का स्वागत
-फैकल्टी/डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ एवं छात्र-छात्राओं ने किया स्वैच्छिक रक्तदान
-उन्नत तकनीकियों से जांच कर के सुरक्षित ब्लड देने के लिए संस्थान प्रतिबद्ध : प्रो सोनिया नित्यानंद
-जरूरतमंद मरीजों के लिए बिना डोनर उपलब्ध कराया गया रक्त
सेहत टाइम्स
लखनऊ। स्वैच्छिक रक्तदान के लिए लोगों को प्रेरित करने की आवश्यकता है, उन्होंने कहा कि विदेशों के स्वैच्छिक रक्तदान का प्रतिशत 30 से 40 है जोकि हमारे देश में बहुत कम सिर्फ एक प्रतिशत है। यह बात नियोजन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने आज 2 जनवरी को डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में नववर्ष के स्वागत में आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में बतौर मुख्य अतिथि अपने सम्बोधन में कही।
आलोक कुमार ने कहा कि नियमित रूप से स्वैच्छिक रक्तदान के लिए युवाओं को जोड़ा जाना चाहिये, एक युवा अपने साथ पांच और लोगों को जोड़ता है क्योंकि जब वह दूसरों को अपना अनुभव बताता है कि ब्लड देने से किसी प्रकार की हानि नहीं होती है बल्कि शरीर को एक नयी ऊर्जा मिलती है, इससे दूसरे लोग रक्तदान के लिए प्रेरित होते हैं, इससे रक्तदानियों की संख्या बढ़ेगी।
यह जानकारी देते हुए ब्लड बैंक प्रभारी डॉ वीके शर्मा ने बताया कि द्वारा प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान गोमतीनगर की फैकल्टी/डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ एवं छात्र छात्राओं द्वारा नये वर्ष का स्वागत रक्तदान से किया। आज कुल 75 यूनिट ब्लड का दान किया गया। उन्होंने बताया कि नव वर्ष के मौके पर रक्तदान शिविर के आयोजन का यह 9वां वर्ष है, वर्ष 2015 से नववर्ष का स्वागत स्वैच्छिक रक्तदान करके किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में संस्थान के स्वैच्छिक रक्तदाताओं को सम्मानित भी किया गया। इसके साथ ही पूर्व की तरह विशेष अवसरों पर जरूरतमंदों को बिना डोनर के रक्त उपलब्ध कराने की सेवा का निर्वहन भी किया गया।
डॉ वीके शर्मा ने बताया कि शिविर का उद्घाटन पूर्वाहन 10:30 बजे किया गया। इस मौके पर संस्थान की निदेशक प्रो सोनिया नित्यानंद ने अपने सम्बोधन में कहा कि संस्थान पूरी तरह से सुरक्षित रक्त देने के लिए प्रतिबद्ध है, उन्होंने कहा कि हमारे संस्थान में नयी तकनीक से ब्लड की जांच हो रही है। उन्होंने बताया कि ब्लड की जांच के लिए हम लोग आईडी नेटए केमिल्यूमिनसेंस जांचों का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही इन उन्नत जांचों के बाद रक्त सुरक्षित हो जाता है।
रक्तदानियों को किया गया सम्मानित
डॉ शर्मा ने बताया कि इस मौके पर रक्तदानियों को सम्मानित भी किया गया, जिन रक्तदानियों को सम्मानित किया गया उनमें डॉ एके सिंह, डॉ दिनकर कुलश्रेष्ठ, डॉ स्वागत महापात्र, धर्मेंद्र श्रीवास्तव, डॉ एसके भट्ट, डॉ नम्रता राव, डॉ एसएस नाथ, अमित शर्मा, अनुग्रह, आदित्य, अलपित, उस्मा परवेज, नादिया फराह, आलोक, श्रुति, पासवान अरविन्द शामिल रहे।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डिप्टी के जीएम डॉ ए बी सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ ए के सिंह, चिकित्सा अधीक्षक डॉ विक्रम सिंह, डॉ भुवन तिवारी, डॉ दिनकर, डॉ स्वागत महापात्र, डॉ धर्मेंद्र श्रीवास्तव, डॉ सुजीत राय, डॉ अरविंद एवं अन्य उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि रक्तदाताओं में फैकल्टी/चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ एवं एमबीबीएस छात्र /छात्राएं शामिल रहे।