-केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉ रवि कुमार ने दी सलाह
सेहत टाइम्स
लखनऊ। नेशनल प्लास्टिक सर्जरी दिवस के मौके पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन लखनऊ शाखा के तत्वावधान में यहां रिवर बैंक कॉलोनी स्थित आईएमए भवन में एक सतत् चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) का आयोजन किया गया।
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉ रवि कुमार ने कहा है कि स्तन कैंसर के चलते रमूव किये गये स्तन के स्थान पर दूसरा स्तन बनाने के लिए यदि महिला मोटापे की शिकार है तो उसी महिला के टिश्यू से बनाना ज्यादा श्रेयस्कर है। इसके दो लाभ हैं पहला तो यह अपने ही शरीर के टिश्यू से बना है तो यह हमेशा ठीक रहेगा जबकि सिलिकॉन इम्प्लांट के स्तनों की एक लाइफ होती है, उसके बाद वे खराब हो जाते हैं, इसके अलावा कभी कभी कैंसर जैसे रोग पैदा कर सकते हैं।
इसका दूसरा लाभ यह है कि जब मोटापे की शिकार महिला के फैटी हिस्से से टिश्यू निकालकर स्तन बनाये जाते हैं तो फैट हटने से उनकी शेप भी सही दिखती है और स्तन भी बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि उनके विभाग में इस तरह का कार्य होता रहता है। उन्होंने कहा कि बहुत सी महिलाएं विशेषकर जिनकी उम्र कम होती है, और उन्हें बाहर निकलना पड़ता है तो वे सिलीकॉन की अपेक्षा अपने ही टिश्यू से स्तन बनवाना ज्यादा पसंद करती हैं।
अपने व्याख्यान में उन्होंने कहा कि कैंसर के विभिन्न मरीजों में होने वाली विकृतियों, तथा कैंसर के ऑपरेशन के बाद चेहरे की विकृति को दूर करने में प्लास्टिक सर्जरी का बहुत योगदान है।