-आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत केजीएमयू में आयोजित व्याख्यान में न्यूजीलैंड की डॉ सुजाता ने दिये महत्वपूर्ण सुझाव
सेहत टाइम्स
लखनऊ। एक पैथोलॉजिस्ट के लिए रोग की डायग्नोसिस लिखने से पूर्व पैथोलॉजी जांच के परिणाम के साथ ही मरीज की क्लीनिकल हिस्ट्री जानना भी बहुत आवश्यक है, हिस्ट्री लेने से मरीज की बीमारी को सटीक तरीके से डायग्नोसिस करने में अत्यन्त मदद होती है। मरीज से उसकी हिस्ट्री जानने में पांच मिनट से भी कम का समय लगता है, लेकिन मरीज को दिया गया यह समय रोगी के इलाज की दिशा तय करने में अत्यन्त सहायक होता है।
यह सलाह आजादी के अमृत महोत्वस के अंतर्गत आज यहां किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पैथोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित पैथोलॉजी लेक्चर्स सीरीज के क्रम में “क्लिनिकल रिलेवेंस ऑफ लैब टेस्ट इन रिह्युमेटोलॉजी” विषय पर न्यूजीलैंड के वांगरेई अस्पताल की सलाहकार चिकित्सक व रिह्यूमेटोलॉजिस्ट डॉ सुजाता कमलाक्षा ने अपने गेस्ट लेक्चर के दौरान दी। केजीएमयू के ब्राउन हॉल में आयोजित इस व्याख्यान समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति ले0ज0 डॉ बिपिन पुरी उपस्थित रहे।
डॉ सुजाता ने अपने व्याख्यान में बताया कि रिह्यूमेटोलॉजी की बीमारी के लक्षण गाइनोकोलॉजी, ऑर्थोपेडिक, पीडियाट्रिक से भी मिलती-जुलते हैं, ऐसे में इसमें कराये जाने वाले कन्वेंशनल टेस्ट जैसे ईएसआर सीआरपी, आरएफ, एसीपीए एलाइजा, एएनए एलाइजा, एएनसीए एलाइजा की रिपोर्ट देखकर बीमारी की डायग्नोसिस को तुरंत नहीं तय कर देना चाहिये, इन टेस्ट के परिणामों के साथ ही यदि थोड़ा सा समय निकालकर मरीज की क्लीनिकल हिस्ट्री ले ली जाये तो सटीक डायग्नोसिस हो जायेगी।
उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि पैथोलॉजी में कराये गये टेस्ट की जांच के आधार पर तुरंत ही डायग्नोसिस करके हम दवा तय कर देते हैं, जो कि मरीज के लिए उपयुक्त नहीं होती है, नतीजा यह होता है कि मरीज को लाभ के बजाय नुकसान होता है और बीमारी भी ठीक नहीं हो पाती है।
ज्ञात हो जनरल मेडिसिन और रिह्युमेटोलॉजी विशेषज्ञ डॉ सुजाता ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनो में भी प्रकाशन प्रस्तुत किये हैं । डॉ सुजाता जनता, प्रशिक्षु डॉक्टरों और नर्सों को पढ़ाने में सक्रिय रूप से शामिल हैं। कुलपति डॉ0 बिपिन पुरी ने डॉ सुजाता एवं पैथोलॉजी विभाग की सराहना करते हुए बधाई दी। व्याख्यान के दौरान प्रति कुलपति प्रो0 विनीत शर्मा, पैथोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 यू एस सिंह, डीन एकेडेमिक प्रो0उमा सिंह, पैथोलॉजी विभाग की डॉ रश्मि कुशवाहा के साथ ही संस्थान के अन्य विभागों के फैकल्टी, रेजीडेंट्स एवं अन्य छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।