-सभी संवर्गों की पुनर्संरचना एक साथ किये जाने के निदेशक के आश्वासन के बाद कर्मचारी महासंघ ने अपना विरोध टाला
-असंतुष्ट नर्सिंग एसोसिएशन ने अभी नहीं तय की आगे की रणनीति, एक-दो दिनों में किया जायेगा ऐलान
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई प्रशासन ने संस्थान में लम्बित कैडर रीस्ट्रक्चरिंग को लेकर कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि जुलाई माह में शासी निकाय की बैठक में इस मसले को रखकर सभी कैडर के कर्मचारियों के रीस्ट्रक्चरिंग को अनुमोदन के लिए रखा जायेगा। इस आश्वासन के बाद संस्थान के कर्मचारी महासंघ ने अपना 18 जून को होने वाला प्रस्तावित विरोध कार्यक्रम वापस ले लिया है। हालांकि संस्थान की नर्सिंग एसोसिएशन ने इस मसले पर अपनी आगे की रणनीति के बारे में कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है।
ज्ञात हो पिछले दिनों 18 जून को शासी निकाय की बैठक के बारे में सूचना मिलने तथा उसमें पांच संवर्गों की पुनर्संरचना के बारे में खबर मिलने के बाद कर्मचारियों में जबरदस्त नाराजगी थी। महासंघ के महामंत्री धर्मेश कुमार द्वारा पत्र देकर निदेशक से इस पर विरोध दर्ज कराते हुए सवाल उठाया गया था कि जब संस्थान में 35 संवर्ग हैं तो पुनर्संरचना सिर्फ 5 की क्यों हो रही है, यही नहीं इस पर व्यापक विरोध का भी ऐलान कर दिया गया था। दूसरी ओर पीजीआई की नर्सिंग एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला ने भी निदेशक से मुलाकात कर इस मसले पर अपना विरोध जताया था, साथ ही अपनी रणनीति 18 तारीख की शासी निकाय की बैठक में हुई प्रोग्रेस को देखकर घोषित करने को कहा था।
अब चूंकि 18 जून की बैठक नहीं हो रही है, बल्कि निदेशक द्वारा पत्र देकर बताया गया है कि जुलाई में सभी संवर्गों की पुनर्संरचना की जायेगी तो कर्मचारी महासंघ ने विरोध अगली बैठक तक टाल दिया है और कहा है कि आज निदेशक के साथ कर्मचारी महासंघ की वार्ता संपन्न हुई। संस्थान के बहुत सारे साथी कर्मचारी गण कमेटी रूम के बाहर मौजूद थे।
वार्ता में निदेशक के द्वारा यह निर्णय दिया गया है कि जुलाई में कैडर रिस्ट्रक्चरिंग के लिए एक स्पेशल जीबी की जाएगी जिसमें संस्थान के सभी संवर्गो की कैडर रिस्टर्क्चरिंग एक साथ की जाएगी। उन्होंने निदेशक को धन्यवाद भी ज्ञापित किया है।
लेकिन नर्सिंग एसोसिएशन के रुख का औपचारिक ऐलान क्या होगा, इसका इंतजार है। इस बारे में नर्सिंग एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला ने यह जरूर कहा है कि पहले भी इस तरह के आश्वासन बहुत दिये जा चुके हैं। करीब छह माह पूर्व भी यह मसला उठने पर सभी कैडर की रीस्ट्रक्चरिंग एकसाथ नहीं करने की बात कही गयी थी, जिसका विरोध करने पर एकसाथ करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन छह माह बाद फिर से जब बैठक 18 जून को प्रस्तावित हुई तो पता चला कि 35 में सिर्फ 5 संवर्ग ही पुनर्संरचना में शामिल किये गये हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल आगे की रणनीति के लिए हम लोग विचार कर रहे हैं, जिससे शीघ्र ही अवगत कराया जायेगा।