-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी, दिल्ली के उद्घाटन पर निदेशक डॉ सुभास सिंह की ‘सेहत टाइम्स’ से बातचीत
धर्मेन्द्र सक्सेना
लखनऊ। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी (एनआईएच) कोलकाता के सैटेलाइट सेंटर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी दिल्ली देश का पहला होम्योपैथिक इंस्टीट्यूट है जिसे प्रधानमंत्री ने देश को समर्पित किया है, यह हमारे लिए गर्व की बात है।
यह कहना है एनआईएच कोलकाता के निदेशक डॉ सुभास सिंह का। उन्होंने कहा कि दिल्ली जैसी जगह जहां पर राज्य सरकार के दो होम्योपैथिक कॉलेज पहले से ही हैं, ऐसे में एक राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट का और होना भी एक बहुत बड़ी बात है।
उन्होंने बताया कि जैसा कि हमारे कोलकाता के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी में देश भर से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी छात्र पीजी और रिसर्च करने आते हैं, उसी तरह उम्मीद है कि यहां दिल्ली में भी पीजी और रिसर्च करने के इच्छुक डॉक्टर यहां पढ़ने आयेंगे।
उन्होंने बताया कि यहां होम्योपैथी के सात विषयों में पीजी शुरू करने व पीएचडी कराने की योजना है साथ ही 100 बेड का हॉस्पिटल होगा। इस हॉस्पिटल में ऑक्सीजन से लेकर लगभग सभी अन्य बड़े अस्पतालों वाली अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में ट्रायल बेस पर चार-पांच माह पहले ओपीडी शुरू की थी, अब रोजाना करीब 200 से 250 मरीज पहुंच रहे हैं। उनका कहना है कि जब ट्रायल बेस चलने वाले अस्पताल में इतने मरीज रोज पहुंच रहे हैं, तो जब पूर्णकालिक रूप से ओपीडी चलेगी तो मरीजों की संख्या बढ़ने का अनुमान है।
उन्होंने बताया कि यहां नरेला में शुरू हो रहा यह इंस्टीट्यूट नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी, कोलकाता का सैटेलाइट केंद्र है, कोलकाता के अस्पताल में भी 100 बेड की सुविधा है, तथ वहां पर ओपीडी में रोजाना करीब 2500 मरीज आते हैं।
ज्ञात हो रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन राष्ट्रीय आयुष संस्थानों अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), गोवा, राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान (एनआईयूएम), गाजियाबाद और राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान (NIH), दिल्ली का उद्घाटन किया है।