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थैलेसीमिया : डॉक्टर्स ने इलाज, तो माता-पिता ने अनुभव से बताया कि कैसे नकारात्मकता में तलाशें सकारात्मकता

-केजीएमयू में वार्षिक थैलेसीमिया अपडेट कॉन्फ्रेंस-2023 का आयोजन

सेहत टाइम्स

लखनऊ। थैलेसीमिया के इलाज के लिए कौन से नए अनुसन्धान हुए हैं अथवा हो रहे हैं, इसके रोगियों के लिए किये जाने वाले मैनेजमेंट में क्या बदलाव किये जा सकते हैं, कैसे रोगी और माता-पिता इस रोग को लेकर अपनी जिंदगी में निराशा के भावों को अपने से दूर रखें, इन सभी बातों पर विचार करने के लिए 4 नवंबर को केजीएमयू, लखनऊ में वार्षिक थैलेसीमिया अपडेट कॉन्फ्रेंस-2023 का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में थैलेसीमिया अनुसंधान और उपचार के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति पर चर्चा करने के लिए राज्य भर के प्रमुख विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और हेल्थकेयर प्रोफेशनल को एक साथ लाया गया।

कॉन्फ्रेंस का आयोजन साइटोजेनेटिक लैब, सीएफआर, केजीएमयू की एडिशनल प्रोफेसर डॉ नीतू निगम एवं थैलेसीमिया इंडिया सोसाइटी,लखनऊ के प्रेसिडेंट प्रवीण आर्य द्वारा किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि केजीएमयू की कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद, डॉ. विकास दुआ, एरा मेडिकल कॉलेज के कुलपति डॉ. अब्बास मेहदी,केजीएमयू की प्रो वाईस चांसलर प्रो अपजीत कौर,सीएफएआर की फैकल्टी इंचार्ज डॉ. विमला वेंकटेश ने किया।

प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद द्वारा “थैलेसीमिया ए न्यू एरा ऑफ ऑफ ट्रीटमेंट एंड होप” व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। प्रसिद्ध चिकित्सा विशेषज्ञ और वैज्ञानिक जैसे डॉ. कौशिक मंडल (प्रोफेसर. मेडिकल जेनेटिक्स विभाग एसजीपीजीआईएमएस, लखनऊ), डॉ. अमिता पांडे (प्रोफेसर, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग केजीएमयू, लखनऊ), डॉ. विकास दुआ ; (प्रिंसिपल डायरेक्टर पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजी फोर्टिस, नोएडा), डॉ. अंशुल गुप्ता ( हेमाटो -ऑन्कोलॉजिस्ट मेदांता हॉस्पिटल, लखनऊ), डॉ. भूपेन्द्र सिंह (एडिशनल प्रोफेसर, जराचिकित्सा एवं मानसिक स्वास्थ्य, केजीएमयू , लखनऊ) इस सम्मेलन के वक्ता थे, जिन्होंने थैलेसीमिया के उपचार और प्रबंधन में जागरूकता और नए दृष्टिकोण प्रदान किया।

प्रवीण आर्य थैलेसीमिया इंडिया सोसाइटी के अध्यक्ष और एनएचएम द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी, ने थैलेसीमिया रोगी के उपचार और प्रबंधन को सुविधाजनक बनाने की पहल की, उन्होंने थैलेसीमिया निदान और उपचार में आने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा की।

थैलेसीमिक योद्धा शुभम ने थैलेसीमिक रोगी और उनके परिवार द्वारा न केवल शारीरिक रूप से बल्कि भावनात्मक रूप से भी सामना की जाने वाली चुनौतियों के बारे में अपना अनुभव साझा किया, बल्कि उन्होंने बीमारी के बारे में उचित जागरूकता और मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया , जिससे उन्हें मानसिक रूप से सशक्त बनाया जा सके । उनका दिमाग और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो।

विशेषज्ञों ने अपने नवीनतम निष्कर्ष प्रस्तुत किए, जिसमें मॉलेक्युलरजेनेटिक्स, क्लीनिकल मैनेजमेंट नैदानिक प्रबंधन और नवलथैरेपीयूटिक एवं चिकित्सीय दृष्टिकोण सहित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल किया गया।

सम्मेलन का उद्देश्य ” थैलेसीमिक बच्चे के जन्म की रोकथाम के लिए जागरूकता “सफलतापूर्वक पूरा होता दिखा। सम्मेलन में लगभग 50 मरीजों ने अपने परिवार और भाई-बहनों के साथ भाग लिया और उन्हें उनकी योद्धा भावना के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।

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