लखनऊ। सामाजिक समस्याओं को पर्व से जोड़ कर पर्यावरण जैसे मानव जीवन से जुड़े मुद्दे पर कई सालों से काम करते आ रहे सामाजिक सरोकार मंच ने इस वर्ष भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए पेड़ों की रक्षा का संकल्प दोहराया बल्कि अन्य लोगों को इसकी रक्षा के लिए जागरूक करने का संदेश भी दिया।
यहां के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान परिसर में बहुत से लोगों ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेते हुए पेड़ों को राखी बांधी। सामाजिक सरोकार मंच के तत्वावधान में विगत कई वर्षों से रक्षाबंधन पर पेड़ों को राखी बांधकर रक्षाबंधन मनाया जाता है। सामाजिक सरोकार मंच के संयोजक अजय कुमार सिंह ने बताया कि आज भी सावित्री सिंह, एसपी राय सहित दर्जनों लोगों ने पीजीआई परिसर स्थित पेड़ों के साथ रक्षाबंधन को मनाकर पर्यावरण के साथ रिश्ता कायम करने का लोगों को संदेश दिया। उन्होंने बताया कि पेड़ मनुष्य का जीवन हैं और हम सभी को कम से कम पांच-पांच पेड़ अवश्य लगाने चाहिये।
जाम की गिरफ्त में रही राजधानी
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ आज रक्षाबंधन पर्व के चलते जाम की गिरफ्त में रही। रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त पूर्वान्ह 11.05 से अपरान्ह 1.30 तक ही था। इस अवधि में सडक़ों पर भीड़ बढ़ जाने से चारों ओर भीषण जाम जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी।
ज्ञात हो श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। आज की पूर्णिमा में चंद्र ग्रहण भी लग रहा है यह ग्रहण रात्रि 10.45 से 12.45 तक रहेगा ग्रहण से पूर्व लगने वाले सूतक अपरान्ह 1.30 से शुरू हो रहे थे। चूंकि सुबह भद्राकाल 11.05 तक था इसलिए राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 11.05 से 1.30 तक बताया गया था। करीब ढाई घंटे के समय में राखी बांधने के लिए जहां बहनें अपने भाइयों के यहां चल पड़ीं वहीं जहां बहन भाई के पास नहीं पहुंच सकती थीं तो वहां भाई अपनी बहन से रक्षा सूत्र बंधवाने निकल पड़े। नतीजा यह हुआ कि जहां आम तौर पर जाम की गिरफ्त में रहने वाले राजधानी के इलाकों में जहां जाम नहीं लगता है वहां भी भीड़ नजर आने लगी वहीं जाम रहने वाले इलाकों की स्थिति तो और भी जाममय हो गयी।
आलमबाग हो या चारबाग, राजाजीपुरम, हजरतगंज, गोमतीनगर, इंदिरानगर, विकास नगर, जानकीपुरम, अलीगंज, डालीगंज, अमीनाबाद, रकाबगंज, यहियागंज, नक्खास, चौक समेत राजधानी के चारों ओर ट्रैफिक की रफ्तार सुस्त हो गयी। कुछ इलाकों में मिठाई की दुकानों के आगे सडक़ों पर लगे तम्बू कनात ने लोगों का रास्ता रोका। इसी बीच इंद्रदेवता ने भी अपना अहसास कराते हुए बारिश से लोगों को तर किया। बारिश पर आस्था आज भारी पड़ी क्योंकि आमतौर पर बारिश रुकने का इंतजार करने वाले राहगीरों ने आज इसकी परवाह नहीं की उन्हें तो बस शुभ मुहूर्त में रक्षाबंधन का त्योहार मनाना था।
इससे पूर्व सुबह से लोग मिठाई की दुकानों पर पहुंच रहे थे, कुछ ने तो कल ही मिठाइयां खरीद ली थीं लेकिन अधिकतर लोगों ने ताजा मिष्ठïान्न लेना ही उचित समझा। रक्षाबंधन पर मिठाइयों की मांग के आगे दूध के अन्य आइटम जैसे पनीर आदि की उपलब्धता कम दिखी।