-डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देशों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जारी की नयी गाइड लाइन

सेहत टाइम्स
लखनऊ। एक तो मौत का दुख, ऊपर से पोस्टमॉर्टम के लिए लम्बा इंतजार परिजनों के दुख को कई गुना बढ़ा देता है, लेकिन अब उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने दु:ख की घड़ी में परिवारीजनों की पीड़ा कम करने के लिए पोस्टमार्टम को अधिकतम चार घंटे में करने के निर्देश दिए हैं। निर्देशों के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने पोस्टमार्टम की नई गाइड लाइन जारी कर दी है।
नयी गाइडलाइन में कहा गया है कि कानून व्यवस्था से जुड़े प्रकरण, एनकाउंटर, पुलिस अभिरक्षा में मृत्यु, विवाह के प्रथम 10 वर्षों में हुई महिला की मृत्यु आदि में रात में होने वाले पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई जाए। साथ ही यह भी निर्देश दिये गये हैं कि इसका पैसा पीड़ित परिवारीजनों से नहीं लिया जाए, इसका भुगतान रोगी कल्याण समिति और अन्य मदों से किया जाए।
ऑनलाइन जारी करें पोस्टमार्टम रिपोर्ट
डिप्टी सीएम ने कहा है कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट ऑनलाइन की जाए, इसमें किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाए, पोस्टमार्टम हाउस में एक कम्प्यूटर ऑपरेटर और दो डाटा इंट्री ऑपरेटर सीएमओ द्वारा तैनात किए जाएं। शव को अस्पताल से पोस्टमार्टम हाउस ले जाने के लिए वाहन का इंतजाम किया जाए। उन्होंने कहा है कि सीएमओ प्रत्येक जिले में दो शव वाहन की व्यवस्था करें।

गाइड लाइन में कहा गया है कि हत्या, आत्महत्या, यौन अपराध, क्षत-विक्षत शव और संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु संबंधी प्रकरणों में रात में पोस्टमार्टम न कराएं जाएं, हालांकि अपरिहार्य कारणों में जिला मजिस्ट्रेट और उनके अधिकृत अधिकारी की अनुमति पर रात में भी पोस्टमार्टम कराया जा सकता है।
पैनल में महिला डॉक्टर भी शामिल करने के निर्देश
गाइड लाइन में कहा गया है कि महिला अपराध, रेप, विवाह के प्रथम 10 वर्षों के भीतर महिला की मृत्यु की दशा में पोस्टमार्टम पैनल में महिला डॉक्टर अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए। अज्ञात शव की पहचान के लिए डीएनए सैम्पलिंग कराई जाए।
