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आरआरयू और यूपी अग्निशमन सेवा विभाग के बीच ऐतिहासिक समझौता

-राष्ट्रीय स्तर पर आपदा प्रतिरोधक क्षमता को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा यह करार

 

सेहत टाइम्स

लखनऊ। भारत में आपदा प्रबंधन, अग्नि सुरक्षा एवं आपातकालीन सेवाओं की तैयारियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल के अंतर्गत, राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (RRU) एवं उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवा विभाग के बीच एक ऐतिहासिक सहमति पत्र (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता दोनों संस्थानों के बीच दीर्घकालिक रणनीतिक सहयोग की आधारशिला रखता है, जो राष्ट्रीय स्तर पर आपदा प्रतिरोधक क्षमता को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

समझौता हस्ताक्षर समारोह में उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवा के महानिदेशक आदित्य मिश्रा, राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर की निदेशक मंजरी चंद्रा, विश्वविद्यालय की डीन डॉ. जसबीर कौर ठधानी सहित अनेक शिक्षाविदों, आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों और सेवा अधिकारियों ने सहभागिता की, जिससे यह आयोजन अत्यंत प्रभावशाली बना।

इस रणनीतिक सहयोग के अंतर्गत दोनों संस्थान संयुक्त रूप से विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम, प्रायोगिक सिमुलेशन अभ्यास, अग्निशमन विज्ञान में शैक्षणिक शोध, तथा संकाय एवं संसाधनों के आदान-प्रदान जैसी गतिविधियाँ संचालित करेंगे। इस पहल का उद्देश्य शैक्षणिक विशेषज्ञता और क्षेत्रीय अनुभव के समन्वय से एक उत्तरदायी एवं नवाचारी आपदा प्रबंधन तंत्र का विकास करना है।

इस अवसर पर महानिदेशक आदित्य मिश्रा ने कहा कि यह सहयोग शिक्षा एवं आपात सेवाओं के क्षेत्र में उत्कृष्टता का उदाहरण है। यह साझेदारी भविष्य के लिए एक मॉडल प्रस्तुत करती है, जिसे अन्य राज्य और संस्थान भी अपनाकर देश को और अधिक सुरक्षित बना सकते हैं।

लखनऊ परिसर की निदेशक मंजरी चंद्रा ने कहा कि यह समझौता केवल एक औपचारिक दस्तावेज नहीं है, बल्कि आपसी विश्वास, नवाचार और सतत विकास की दिशा में एक साझा प्रतिबद्धता है। इस साझेदारी के माध्यम से हम ऐसे प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार करेंगे, जो किसी भी आपदा या संकट से प्रभावी ढंग से निपटने में सक्षम होंगे।

राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की डीन, डॉ. जसबीर कौर ठधानी ने कहा कि यह समझौता न केवल शैक्षणिक और व्यावसायिक क्षमताओं के संगम का प्रतीक है, बल्कि यह भविष्य के नेतृत्वकर्ताओं को संकट प्रबंधन में सशक्त बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध होगा। यह भागीदारी छात्रों, शोधकर्ताओं और सेवा कर्मियों को व्यवहारिक अनुभव तथा नवाचार-आधारित समाधान विकसित करने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करेगी उन्होंने यह भी कहा कि यह सहयोग छात्रों, शोधकर्ताओं और आपदा प्रबंधन के पेशेवरों को वास्तविक जीवन अनुभवों के माध्यम से कौशल विकास का सशक्त मंच प्रदान करेगा।

यह ऐतिहासिक समझौता न केवल संस्थागत समन्वय का प्रतीक है, बल्कि सुरक्षित, सशक्त एवं आपदा-सहिष्णु भारत के निर्माण की दिशा में एक ठोस एवं दूरगामी कदम भी है। आपको बता दें कि राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय का लखनऊ परिसर, डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के विधि संकाय परिसर में स्थित है, जो इस प्रकार की पहलों के लिए एक आदर्श स्थल के रूप में उभर रहा है।

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