लखनऊ। जलजनित रोगों को लेकर विशेष सतर्कता बरतने में जुटे स्वास्थ्य विभाग ने अब उन विद्यालयों पर अपनी नजरें गड़ायी हैं जहां पढऩे वाले बच्चे एच1एन1 स्वाइन फ्लू की चपेट में हैं। विभाग की टीम अगले दो दिनों में इन स्कूलों का दौरा करेगी तथा प्रिंसिपल को बतायेगी कि अन्य बच्चे जिन्हें जुकाम, खांसी, नाक बहना जैसे लक्षण हों उन्हें स्कूल आने से मना कर दें। विभाग का मानना है कि चूंकि इन विद्यालयों में पढ़ऩे वाले छात्र-छात्राओं के स्वाइन फ्लू की चपेट में आने के मामले आये हैं ऐसे में जहां उन बच्चों को घर पर ही रोके जाने की जरूरत है वहीं सम्भव है कि उनके साथ पढऩे वाले अन्य बच्चे भी चपेट में न आ जायें।
यह जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जीएस बाजपेई ने बताया कि हम लोग बराबर स्कूलों में जलजनित रोगों से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चला रहे हैं। उन्होंने बताया कि हम लोगों ने देखा कि पिछले एक सप्ताह में जिन-जिन स्कूलों के बच्चों के स्वाइन फ्लू की चपेट में आने के मामले आये हैं वहां पर विशेष ध्यान देते हुए फिर से हमारी टीमें जायेंगी। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में जिला विद्यालय निरीक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर सूचित किया गया है।
उन्होंने बताया कि पिछले एक सप्ताह से स्वाइन फ्लू के मामलों में जिन विद्यालयों के छात्र-छात्राओं का पता चला है उनमें गोमती नगर स्थित सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल में पढऩे वाला 8 वर्षीय अभिनव सिंह, रानी लक्ष्मीबाई इन्दिरा नगर में पढऩे वाला 5 वर्षीय उल्लास, डीपीएस जानकीपुरम में पढऩे वाला 17 वर्षीय आयुष गुप्ता, सिटी मॉन्टेसरी चौक का 16 वर्षीय जैन निसार, सिटी मॉन्टेसरी स्कूल कानपुर रोड का 5 वर्षीय अभिज्ञान प्रकाश, खुनखुन जी गल्र्स इंटर कॉलेज चौक की 15 वर्षीय अंजलि पाण्डेय, क्राइस्ट चर्च हजरतगंज की 7 वर्षीय अंशिका, सेंट जॉन्स स्कूल निकट पटेल डेन्टल कॉलेज के 8 वर्षीय दीशू तथा चिरंजीव भारती स्कूल आशियाना का 7 वर्षीय जयमुकुन्द शामिल है।