-कायस्थ समाज की बेहतरी वाले राजनीतिक एजेंडे पर हो सकता है ऐलान

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। कायस्थ फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा यहां राजधानी लखनऊ में भगवान श्री चित्रगुप्त धाम का स्थापना दिवस 6 सितंबर को सायं 4 बजे से सोशल डिस्टेंस के साथ मनाया जाएगा। माना जा रहा है कि चूंकि आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व चित्रगुप्त धाम का स्थापना दिवस एक ऐसा मौका है जब कायस्थ समाज के अनेक महत्वपूर्ण लोगों के साथ ही आम कायस्थ भी उपस्थित रहेंगे इसलिए इस मौके पर कायस्थ समाज की बेहतरी के लिए राजनीतिक दृष्टिकोण से आगे की रणनीति बनाने पर भी विचार किया जा सकता है।
कार्यक्रम की औपचारिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम के संयोजक दिलीप श्रीवास्तव ने बताया कि स्थापना दिवस पर भगवान श्री चित्रगुप्त कथा, सभी के कल्याण के लिए पूजन, हवन, आरती होगी। उन्होंने बताया कि मंदिर में फूलों से सजावट होगी तथा भगवान का श्रृंगार, नए वस्त्र पहनाये जाएंगे।

कायस्थ फाउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष दिनेश चंद श्रीवास्तव ने बताया कि स्थापना दिवस का भगवान श्री चित्रगुप्त धाम के भक्तों के लिए विशेष महत्व है। यह धाम कायस्थों का पवित्र तीर्थ स्थल है। प्रति वर्ष यहां स्थापना दिवस का कार्यक्रम धूम धाम से मनाया जाता है। महामंत्री मनोज डिंगर ने बताया कि इस दिन भगवान को देशी घी के हलवे का भोग लगेगा, फल, कलम चढ़ाया जाएगा, प्रसाद में कलम वितरित भी किया जाएगा। इसके अतिरिक्त भगवान श्री चित्रगुप्त घाट पर लखनऊ की जीवनदायिनी मां गोमती की आरती होगी, साथ ही कोरोना काल मे उत्कृष्ट कार्य करने वालों का सम्मान किया जाएगा।

किसी बड़े निर्णय का ऐलान कर सकता है कायस्थ समाज
आगामी विधानसभा चुनाव की दृष्टिकोण से इस बार का कार्यक्रम भी महत्वपूर्ण है। सूत्रों के मुताबिक उपेक्षित कायस्थ समाज इस दिन बड़ा निर्णय ले सकता है।
वर्तमान में सिर्फ 1 कैबिनेट मंत्री कायस्थ है। बरेली से विधायक डॉ अरुण कुमार भी मंत्री नहीं बन पाए। लखनऊ से एक मात्र तेजतर्रार पार्षद दिलीप श्रीवास्तव पर हनुमान जी मूर्ति को लेकर हुए मुकदमे से कायस्थ समाज मे भारी नाराजगी है। पार्थ श्रीवास्तव आत्महत्या को भी कोई भुला नहीं पाया है। पिछड़े वर्ग के आरक्षण में भी कायस्थ समाज दो मत रखता है। बड़ी संख्या में कायस्थों का वर्ग आरक्षण के समर्थन में है। वहीं दूसरी ओर कुछ विरोध में। ऐसी स्थिति में भगवान श्री चित्रगुप्त धाम में 6 सितंबर को कायस्थों का जमावाड़ा निर्णय भी ले सकता है। लखनऊ में कायस्थों की संख्या ठीक ठाक है। लखनऊ की विधानसभा की सीटों पर सीधे कायस्थ वोट बैंक प्रभाव डाल सकता है जिसका असर उत्तर प्रदेश की गोरखपुर, वाराणसी, कानपुर, प्रयागराज आदि की सीटों पर भी पड़ेगा। अब देखना है कि भाजपा, सपा, बसपा, आप कौन सी पार्टी बड़ी मात्रा में कायस्थ वोट बैंक को अपनी ओर मोड़ सकती है।

Sehat Times | सेहत टाइम्स Health news and updates | Sehat Times