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223 संस्थानों के बीच NIRF रैंकिंग की कड़ी प्रतिस्पर्धा में एसजीपीजीआई ने हासिल किया पांचवां स्थान

-उत्तर प्रदेश का एकमात्र सरकारी चिकित्सा संस्थान, जिसे इतनी प्रतिष्ठित रैंक हासिल हुई

-केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने की एनआईआरएफ रैंकिंग 2025 के परिणामों की घोषणा

सेहत टाइम्स

लखनऊ। राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) रैंकिंग में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान ने एक स्थान की तरक्की करते हुए इस वर्ष 2025 में पांचवां स्थान हासिल किया है। एनआईआरएफ 2024 में, एसजीपीजीआईएमएस ने मेडिकल श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर सराहनीय छठा स्थान हासिल किया था। इस गति को बनाए रखते हुए, एसजीपीजीआई ने एक बार फिर एनआईआरएफ 2025 रैंकिंग अभ्यास में भाग लिया। गत दिवस 4 सितंबर को, केंद्रीय शिक्षा मंत्री, धर्मेंद्र प्रधान ने एनआईआरएफ रैंकिंग 2025 के परिणामों की घोषणा की। इस प्रतिष्ठित मूल्यांकन में शामिल 223 संस्थानों में पांचवां स्थान हासिल करके एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। 2024 में 182 संस्थानों ने हिस्सा लिया था जिनमें एसजीपीजीआई को छठा स्थान हासिल हुआ था। उल्लेखनीय है कि एसजीपीजीआई उत्तर प्रदेश का एकमात्र सरकारी चिकित्सा संस्थान है, जिसने इतना प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त किया है।

यह जानकारी संस्थान के मीडिया सेल से जारी विज्ञप्ति में देते हुए बताया गया है कि यह उपलब्धि रोगी देखभाल, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए संस्थान की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है, और भारत के अग्रणी चिकित्सा के उत्कृष्ट केंद्रों में से एक के रूप में इसकी स्थिति को और मजबूत करता है। बताया गया है कि एसजीपीजीआई 2025 रैंकिंग के जिन मानकों में पूर्ण अंक प्राप्त हुए हैं, उनमें संकाय छात्र अनुपात, विश्वविद्यालय परीक्षा के लिए मीट्रिक, शारीरिक रूप से दिव्यांगों के लिए सुविधाएं शामिल हैं।

संस्थान द्वारा बताया गया है कि संस्थान ने अपने ठोस प्रयासों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया कि (छात्र शक्ति) पैरामीटर स्कोर में 13.75 से 14.24 तक की वृद्धि संकाय योग्यता एवं अनुभव पैरामीटर स्कोर में 16.67 से 17.27 तक की वृद्धि, पेटेंट/बौद्धिक संपदा) पैरामीटर स्कोर में 1.50 से 3.0 तक की वृद्धि, जीपीएच (स्नातक परिणाम – उच्च अध्ययन) पैरामीटर स्कोर में 22.27 से 22.57 तक की वृद्धि, जीएसएस (मीडियन सैलरी) पैरामीटर स्कोर में 12.25 से 12.72 तक की वृद्धि, Women Diversity (महिला विविधता) पैरामीटर स्कोर में 24.80 से 25.07 तक की वृद्धि तथा परसेप्शन पैरामीटर स्कोर में 41.34 से 45.05 तक की वृद्धि सबसे बड़ी वृद्धि है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि पद्मश्री से सम्मानित, एसजीपीजीआई के निदेशक, प्रो. आर. के. धीमन के सक्षम नेतृत्व में, संस्थान ने प्रतिष्ठित NAAC A++ मान्यता प्राप्त की, जिससे परसेप्शन पैरामीटर स्कोर 41.34 से बढ़कर 45.05 हो गया – जो इस चक्र में +3.71 की सबसे बड़ी एकल वृद्धि है।

ज्ञात हो राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क को 2015 में मानव संसाधन विकास मंत्री द्वारा औपचारिक रूप से लॉन्च किया गया था। यह फ्रेमवर्क उद्देश्यपूर्ण और पारदर्शी मापदंडों के आधार पर देश भर के संस्थानों को रैंक करने के लिए एक विश्वसनीय पद्धति प्रदान करता है। इसके कई पैरामीटर शिक्षण, सीखने और अनुसंधान वातावरण का आकलन करने के लिए विश्व स्तर पर स्वीकृत मानदंडों के अनुरूप हैं, जबकि कुछ भारत-केंद्रित संकेतक देश में तेजी से बढ़ते उच्च शिक्षा परिदृश्य की आकांक्षाओं को दर्शाते हैं।

2018 में, एसजीपीजीआई के अस्पताल प्रशासन विभाग ने एनआईआरएफ रैंकिंग के तहत चिकित्सा संस्थानों के लिए एक अलग श्रेणी बनाने की वकालत करके एक अग्रणी पहल की। ​​तब से यह विभाग एक्सिक्यूटिव रजिस्ट्रार, डीन और अंततः निदेशक के माध्यम से उचित अनुमोदन प्राप्त करते हुए, संस्थागत डेटा की सावधानीपूर्वक तैयारी, संकलन, सत्यापन और एनआईआरएफ पोर्टल पर प्रस्तुत करने के लिए ज़िम्मेदार रहा है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह उपलब्धि संस्थान की एनआईआरएफ टीम के सामूहिक समर्पण का परिणाम है, जिसके लिए निदेशक प्रो. आर. के. धीमन के नेतृत्व में नोडन विभाग के रूप में कार्य करने वाले अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रो. (डॉ.) आर. हर्षवर्धन के मार्गदर्शन में कार्य किया। डीन प्रो. शालीन कुमार और एक्सिक्यूटिव रजिस्ट्रार कर्नल वरुण बाजपेयी, वीएसएम ने भी रैंकिंग प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके साथ ही अस्पताल प्रशासन विभाग के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी अपना अमूल्य योगदान दिया।

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