-राजकीय नर्सेज संघ उत्तर प्रदेश के महामंत्री अशोक कुमार ने किया मुख्यमंत्री से आग्रह
सेहत टाइम्स
लखनऊ। जिला चिकित्सालयों को उच्चीकृत कर मेडिकल कॉलेज बनाये जाने से जहां पूरे प्रदेश के आमजन को चिकित्सा सुविधा और भी बेहतर तो हो जायेगी परन्तु इन चिकित्सालयों में कार्य करने वाली नर्सों की स्थिति खराब हो रही है, क्योंकि उन्हें एकतरफा कार्यमुक्त करके स्वास्थ्य विभाग को भेजा जा रहा है, जहां उन्हें छह-छह माह तक पोस्टिंग नहीं मिल रही है, और इस स्थिति में उनका वेतन भी नहीं मिल रहा है। अनुभव वाली इन नर्सों की तैनाती उच्चीकृत होकर मेडिकल कॉलेज बने उन्हीं संस्थानों में किये जाने से जहां इन नर्सों को पोस्टिंग के लिए भटकना और वेतन से महरूम नहीं होना पड़ेगा वहीं उच्चीकृत हुए मेडिकल कॉलेजों को भी अनुभव वाली नर्सें मिल जायेंगी।
यह विचार राजकीय नर्सेज संघ उत्तर प्रदेश के महामंत्री अशोक कुमार ने व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि इस विषय में विचार कर उचित निर्णय लेते हुए नर्सों के उत्पीड़न को रोकने के आदेश देने की कृपा करें। अशोक कुमार ने अन्तर्राष्ट्रीय नर्सेज दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मौजूदा समय में यदि मुख्यमंत्री की ओर से इस सम्बन्ध में आदेश दिये जाते हैं तो यह नर्सों के लिए इस दिवस पर ये बड़ी शुभकामनाएं होंगी। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थितियों में सबसे ज्यादा दिक्कत पदोन्नति एवं नियुक्ति में आ रही है।
अशोक कुमार ने कहा कि इन नये बने मेडिकल कॉलेजों में संविदा या ठेके पर नर्सेज को रखा जा रहा है जबकि किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर, प्रयागराज, आगरा, झांसी, मेरठ में पूर्व की भांति चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की नर्सेज एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की नर्सेज कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह अन्य नवनिर्मित (उच्चीकृत) मेडिकल कॉलेजों में भी चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के नर्सिंग संवर्ग को रखने से चिकित्सा व्यवस्था और बेहतर तरीके से चलती रहती लेकिन ऐसा न करके एकतरफा कार्मुक्त कर बिल्कुल ही गलत किया जा रहा है, इसका संघ विरोध करता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री से निवेदन है कि कृपया उचित निर्णय लेकर नर्सेज के साथ हो रहे उत्पीड़न को तत्काल रोका जाए।