Tuesday , December 3 2024

समस्त ज्ञान-विज्ञान को समाहित करने वाली साहित्यिक भाषा है संस्‍कृत

-‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एवं संस्कृत का भविष्य’ विषय पर राष्ट्रीय ई-संगोष्ठी आयोजित

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। महाराजा बिजली पासी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, आशियाना, लखनऊ के संस्कृत विभाग द्वारा संस्कृत सप्ताह महोत्सव के अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एवं संस्कृत का भविष्य विषय  पर एक दिवसीय राष्ट्रीय ई-संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र /छात्राओं, प्राध्यापकों, शोधार्थियों के द्वारा प्रतिभाग किया गया।

कार्यक्रम का आरंभ डॉ0 रामप्रवेश त्रिपाठी के द्वारा वैदिक मंगलाचरण से किया गया और प्रो. सुमन गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत उद्बोधन करते हुए अपने भाषण में नई शिक्षा नीति में संस्कृत के नए आयाम की ओर संकेत करते हुए संस्कृत को अपनी संस्कृति और अपने राष्ट्र की अमूल्य धरोहर बताया।

संगोष्ठी के संक्षिप्त विषय वस्तु का परिचय संयोजिका डॉ उमा सिंह के द्वारा दिया गया। मुख्य वक्ता डॉ0 प्रयाग नारायण मिश्र समन्वयक, संस्कृत प्राकृत भाषा विभाग, लखनऊ ने संस्कृत को समस्त ज्ञान-विज्ञान को समाहित करने वाली साहित्यिक भाषा बताते हुए संस्कृत की व्यापकता पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। साथ ही नई शिक्षा नीति पर विस्तृत परिचर्चा करते हुए संस्कृत में रोजगार की संभावनाओं और अध्ययन-अध्यापन में संभावनाओं का उल्लेख किया।

विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित रही डॉ0 शिवा मिश्रा, प्रेरक वक्ता तथा उद्यमी ने संस्कृत के व्यवहारिक और वैज्ञानिक पक्ष को बताते हुए संस्कृत को अपनाने पर बल दिया। अंत में कार्यक्रम संयोजिका डॉ0 उमा सिंह के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के अन्य सभी प्राध्यापक उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.