-1 जनवरी से 31 जनवरी तक मनाये गये राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह में संस्थान ने की भागीदारी, वॉकथॉन का आयोजन
सेहत टाइम्स
लखनऊ। भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की एक महान पहल, राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह 1 से 31 जनवरी 2025 तक मनाया गया। जैसा कि हम जानते हैं, हमारे देश में उत्पादक आयु वर्ग (18-45 वर्ष) में सड़क यातायात दुर्घटनाएं मृत्यु का प्रमुख कारण बन गई हैं। पिछले साल भारत में सड़क दुर्घटनाओं के कारण 1.7 लाख से अधिक मौतें हुईं और लगभग 4.5 लाख लोग स्थायी रूप से विकलांग हो गए। थीम के अनुरूप, लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई के न्यूरोसर्जरी विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य कर्मियों ने आज 31 जनवरी की सुबह एक व्यापक सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।
संस्थान के निदेशक प्रोफेसर राधा कृष्ण धीमन ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और सड़क सुरक्षा जागरूकता वॉकथॉन में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सिर की चोटों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सड़क यातायात दुर्घटनाओं से जुड़ी आपदाओं के बारे में विस्तार से बताया।
इस सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम में लगभग 200 डॉक्टर, नर्स, नर्सिंग के छात्र और मेडिकल टेक्नीशियन कॉलेज ने सक्रिय रूप से भाग लिया। वृंदावन योजना चौराहे पर वॉकथॉन के डॉक्टरों ने लोगों को सड़क सुरक्षा के नियमों के बारे में जानकारी दी। हेलमेट पहने बाइक सवारों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया गया और उन्हें फूलों का गुलदस्ता देकर सम्मानित किया गया।
हेलमेट न पहनने वाले लोगों को यातायात नियमों के महत्व के बारे में बताया गया और उन्हें हेलमेट वितरित किए गए। न्यूरोसर्जरी विभाग ने इस वॉकथॉन का आयोजन किया और विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अवधेश कुमार जायसवाल ने आयोजन सचिव डॉ वेद प्रकाश मौर्य के प्रयासों की बहुत सराहना की। एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के प्रमुख प्रोफेसर अरुण कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में डॉक्टरों ने वृंदावन योजना और लखनऊ के विभिन्न स्कूलों में सुरक्षा शपथ अभियान चलाया। उन्होंने कहा कि आम लोगों में सड़क सुरक्षा को एक नियमित आदत बनाने के लिए इस तरह के जन जागरूकता कार्यक्रमों को और अधिक आयोजित करने की आवश्यकता है।