-संस्थान में एक और रोबोट की आवश्यकता बतायी निदेशक ने
–रोबोटिक और ओपन थायरॉइडेक्टॉमी पर दो दिवसीय लाइव वर्कशॉप शुरू
सेहत टाइम्स
लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो आरके धीमन ने कहा है कि एसजीपीजीआई पहला सेंटर है जो पांच विभागों में रोबोटिक सर्जरी कर रहा है। इस सेवा का विस्तार किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें कोशिश करनी चाहिये कि संस्थान में हेपेटोबिलियरी (लिवर सम्बन्धित) व पैंक्रियाज जैसे अंगों की भी रोबोटिक सर्जरी की जाये, उन्होंने कहा कि कार्य की अधिकता को देखते हुए एक ओर रोबोट लाये जाने की आवश्यकता है।
प्रो धीमन ने यह बात आज से संस्थान के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग द्वारा आयोजित रोबोटिक और ओपन थायरॉइडेक्टॉमी पर लाइव वर्कशॉप के उद्धाटन समारोह में अपने सम्बोधन में कही। ज्ञात हो वर्तमान में यहां यूरोलॉजी, गैस्ट्रो सर्जरी, कार्डियक सर्जरी, एंडोक्राइन सर्जरी और पीडियाट्रिक सर्जरी में रोबोटिक सर्जरी हो रही हैं।
दो दिवसीय आयोजन में वर्कशॉप में पहले दिन प्रख्यात एंडोक्राइन सर्जनों द्वारा एक घंटे के वीडियो आधारित व्याख्यान के साथ शुरू हुआ। इसके बाद लाइव ऑपरेटिव सर्जरी वर्कशॉप का आयोजन किया गया। पहला केस सीएमसी, वेल्लोर के डॉ. दीपक अब्राहम द्वारा किए गए ओपन टोटल थायराइडेक्टॉमी का था। उन्होंने इंट्रा-ऑपरेटिव न्यूरोमोनिटरिंग की तकनीकों का भी प्रदर्शन किया जो सर्जरी के दौरान आवर्तक स्वरयंत्र तंत्रिका के संरक्षण का पता लगाने में मदद करता है।
दूसरा केस नई दिल्ली के डॉ. सुरेंद्र डबास द्वारा ट्रांस-ओरल रूट के माध्यम से किया गया रोबोटिक थायरॉयडेक्टॉमी का था। डॉ. डबास ने सर्जरी के ट्रांस-ओरल रूट का प्रदर्शन किया, जिसे सच्ची स्कारलेस सर्जरी माना जाता है।
तीसरा फिर से एक रोबोटिक थायरॉयडेक्टॉमी (ट्रांस-एक्सिलरी रूट) था जो बेंगलुरु के डॉ जगदीश्वर गौड़ द्वारा किया गया था। अंतिम सत्र फिर से एक वीडियो आधारित व्याख्यान सत्र था, जिसके वक्ता केजीएमयू, लखनऊ से डॉ. पूजा रमाकांत और मेदांता लखनऊ के डॉ. आलोक गुप्ता थे।
उद्घाटन में उपस्थित अन्य प्रख्यात हस्तियों में डॉ अनीश श्रीवास्तव, डीन, एसजीपीजीआईएमएस, डॉ विवेक बिंदल, रीजेंट, क्लिनिकल रोबोटिक सर्जरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया और संस्थान के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के प्रमुख व रोबोटिक सर्जरी प्रोग्राम के नोडल अधिकारी प्रोफेसर अमित अग्रवाल शामिल हैं।