-पीजी परीक्षा में एक और साथी को जानबूझकर फेल करने का लगाया आरोप
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई के न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग के एक और रेजीडेंट डॉक्टर विपिन को पीजी की परीक्षा में अनुत्तीर्ण किये जाने के बाद नाराज यहां की रेजीडेंट्स डॉक्टर्स एसोसिएशन के नेतृत्व में सोमवार को रेजीडेंट्स डॉक्टरों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मास्क पहनकर कैंडल मार्च निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया।
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ आकाश माथुर व महासचिव डॉ अनिल गंगवार ने बताया कि कड़ी मेहनत करने के बाद देश के इस प्रतिष्ठित संस्थान तक पहुंचने वाले रेजीडेंट्स आखिर फेल होने वाला परफॉरमेंस कैसे कर सकते हैं, उन्होंने इसे जानबूझकर दुर्भावनावश किया गया कार्य बताया। उन्होंने कहा कि हम लोग न्याय के लिए मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर सारे मामले से अवगत कराएंगे साथ ही पीड़ित छात्र मुख्यमंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री से मिलकर भी उनको सारे तथ्यों से अवगत करायेंगे।
आपको बता दें कि कुछ दिन पूर्व न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग के ही डॉ मनमोहन को लिखित परीक्षा में अनुत्तीर्ण करने का मामला उठा था, इस मामले में अभी निर्णय आया भी नहीं है कि इस बीच इसी विभाग के एक और रेजीडेंट को परीक्षा में फेल करने का मामला सामने आया है।
दोनों डॉक्टरों का कहना है कि यह सब दबाव बनाने के लिए किया गया है, क्योंकि डॉ मनमोहन ने परीक्षा प्रणाली पर कुछ बड़े सवाल खड़े करते हुए सत्याग्रह किया था। डॉ माथुर ने बताया कि निदेशक द्वारा कमेटी गठित कर निष्पक्ष जाँच कराए जाने का आश्वासन प्राप्त कर डॉ. मनमोहन ने अपना सत्याग्रह खत्म किया था, लेकिन कमेटी द्वारा हफ्तों बाद भी अभी कोई निर्णय नहीं दिया गया है, निदेशक का लगातार कहना है कि कुछ वक्त और दें, कमेटी का निर्णय आएगा।
उन्होंने कहा कि निदेशक के आश्वासन पर सभी रेजीडेंट डॉक्टर सकारात्मक निर्णय तथा परीक्षा प्रणाली में सुधार की आस लगाए अभी कमेटी के निर्णय का इंतज़ार ही कर रहे थे कि विभाग से यह चौंकाने वाली खबर सामने आ गयी।
उन्होंने कहा कि आम तौर पर प्रैक्टिकल परीक्षा का परिणाम उसी दिन घोषित कर दिया जाता है किंतु इस मामले में डॉ. मनमोहन का मामला ठंडा होने तक 15 दिन तक डॉ विपिन का परिणाम रोक कर रखा गया तथा कमेटी गठित होने के बाद जब मामला थोड़ा ठंडा होता दिखा तब डॉ विपिन का परिणाम घोषित किया गया, जिसमें उन्हें अनुत्तीर्ण किया गया है।