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एक तो कम संख्या में पद, उनमें भी ज्यादातर खाली पड़े, नर्सिंग संवर्ग में आक्रोश

-राजकीय नर्सेज संघ उत्तर प्रदेश के महामंत्री अशोक कुमार ने लिखा प्रमुख सचिव को पत्र

अशोक कुमार

सेहत टाइम्स

लखनऊ। राजकीय नर्सेज संघ उत्तर प्रदेश के महामंत्री अशोक कुमार ने कहा है कि चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में नर्सिंग संवर्ग के सृजित पदों की संख्या मानकों के अनुपात में बहुत कम है, ऊपर से सृजित पदों को भरा न जाने से ये परेशानी और ज्यादा बढ़ गयी है, जिससे नर्सिंग संवर्ग में आक्रोश है। उन्होंने प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण को पत्र लिखकर मांग की है कि इस ओर प्राथमिकता से ध्यान देते हुए रिक्त पदों पर पदोन्नति से भरा जाना चाहिये।

भेजे गये पत्र में कहा गया है कि मात्र 6 प्रकार के पद 1.मुख्य नर्सिंग अधिकारी 2.नर्सिग अधीक्षक 3.उप नर्सिंग अधीक्षक 4.सहायक नर्सिंग अधीक्षक 5.सीनियर नर्सिंग आफिसर 6.नर्सिग ऑफिसर ही सृजित हैं इनमें भी मुख्य नर्सिंग अधिकारी और नर्सिग अधीक्षक के मात्र एक-एक पद ही सृजित हैं, जबकि ये दोनों पद प्रत्येक 500 बेड एवं 200 पर या उससे ऊपर की संख्या पर सृजित होना चाहिए। यही नहीं चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में दोनों पदों को निदेशालय स्तर पर कर दिया है 10 वर्षों से रिक्त चल रहे इन दोनों पदों पर कार्य डाक्टरों द्वारा किया जाता है, जिसके कारण नर्सेज के उच्च पदों पर पदोन्नति का भी अधिकार बन्द कर रखा है।

पत्र में कहा गया है कि इन्डियन नर्सिंग काउंसिल के अनुसार 500 बेड पर एक मुख्य नर्सिंग अधिकारी एवं 200 बेड पर एक नर्सिंग अधीक्षक का पद चिकित्सालयों के लिए है न कि निदेशालय स्तर पर। उन्होंने कहा कि निदेशालय स्तर पर ज्वॉइन्ट डायरेक्टर एंव एडिशनल डायरेक्टर नर्सिंग संवर्ग का पद होना चाहिए।

उप नर्सिंग अधीक्षक के 18 पद सृजित हैं जिनमें 5 भरे गये, लगभग ये सभी पद सेवानिवृत्त के उपरांत अब रिक्त हो गए हैं। पत्र में कहा है कि 25 नवंबर 2024 को सहायक नर्सिंग अधीक्षक के पद पर मात्र 177 लोगों की पदोन्नति की गई जबकि 348 पद सृजित हैं, इस प्रकार इन पदों के सापेक्ष 328 पद रिक्त थे। अन्य पदों पर पदोन्नति अभी भी नहीं हुई। जैसे सीनियर नर्सिंग आफिसर के सृजित पद 1724 के सापेक्ष 703 पद भरे हैं 1021 पद रिक्त हैं।

पत्र में यह भी कहा गया है कि प्रत्येक वर्ष जुलाई माह में एसीपी समयमान वेतनमान दिया जाना चाहिए परन्तु साल बीत गया 3-4 बार कमेटी की बैठक निदेशालय में हुई फिर भी आज तक आदेश निर्गत नहीं हुआ। जबकि मुख्य सचिव का निर्देश था कि 30 सितंबर तक पदोन्नति के आदेश जारी कर दिए जाएं।

पत्र में निवेदन किया गया है कि अतिशीघ्र निदेशालय से चिकित्सालय स्तरीय रिक्त पदों को पदोन्नति द्वारा तत्काल भरा जाए एवं एसीपी, समयमान वेतनमान दिया जाये जिससे नर्सिंग संवर्ग में व्याप्त आक्रोश दूर हो सके।

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