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युवाओं को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए तैयार करने को प्रतिबद्ध है राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय

-कारगिल विजय दिवस पर राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के लखनऊ परिसर ने आयोजित किया वेबिनार

सेहत टाइम्स

लखनऊ। आंतरिक सुरक्षा क्षेत्र में अपना करियर बनाने के इच्छुक युवाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट बनाने के लिए यह संस्थान प्रतिबद्ध है। युवाओं को उत्तर प्रदेश और देश भर की पुलिस और सुरक्षा बलों में शामिल होने के लिए शिक्षा के माध्यम से आवश्यक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

ये उद्गार कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर आज 26 जुलाई को राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) लखनऊ परिसर द्वारा आयोजित वेबिनार में कैम्पस निदेशक मंजरी चंद्र ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर अपने सम्बोधन में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि आरआरयू लखनऊ परिसर की स्थापना का उद्देश्य सुरक्षा बलों में शामिल होने और मातृभूमि की सेवा करने के इच्छुक युवा उम्मीदवारों के कौशल को बढ़ाकर उन्हें “कर्मयोगी” बनाना है। ज्ञात हो राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तत्वावधान में काम करने वाला एक राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है। विश्वविद्यालय का प्राथमिक उद्देश्य युवाओं को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए तैयार करना है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आरआरयू लखनऊ कैम्पस को पूर्ण सहयोग प्रदान किया जा रहा है।

वेबिनार में रक्षा विश्लेषक मेजर जनरल ए.के. चतुर्वेदी ने जवानों की भूमिका और भारतीय सशस्त्र बलों के कोर के बीच समन्वय पर अपने विचार साझा किए। रक्षा विश्लेषक सचिव “स्ट्राइव” कर्नल आर.पी. सिंह ने अटल इनोवेशन सेंटर की भूमिका पर चर्चा की और रक्षा क्षेत्र में हथियार, गोला-बारूद, उपकरण और कुशल पेशेवरों जैसे ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट पर जोर दिया। कर्नल आरपी सिंह ने कारगिल युद्ध के दौरान शांति और नियंत्रण रेखा दोनों पर अपनी बटालियन की कमान संभाली थी। IILM के रजिस्ट्रार कर्नल यश सक्सेना, जो कारगिल वार में ऑपरेशन विजय सहित कई ऑपरेशनों में सक्रिय रूप से शामिल थे, ने अपने सम्बोधन में कारगिल युद्ध में ‘नेतृत्व’ की भूमिका की सराहना की। उन्होंने देश को स्थिर विकास की ओर ले जाने के लिए साइबर युद्ध और मीडिया की भूमिका को सकारात्मक तरीके से समझाया।

कुल मिलाकर इस सत्र में प्रतिभागियों के ज्ञान और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में विभिन्न पहलुओं से उनकी समझ को समृद्ध करने के साथ ही युवा पीढ़ी को नैतिक मूल्यों के साथ देशभक्ति की भावना विकसित करने की दिशा में उनका ज्ञानवर्द्धन किया गया।

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