Friday , November 22 2024

छाती से पीठ के पार हुआ एंगल निकाल कर दिया नया जीवन

केजीएमयू के ट्रामा इमजेंसी विभाग में डॉ.संदीप तिवारी की टीम ने की सराहनीय सर्जरी

 

लखनऊ। केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में पहुंचे युवक की छाती से घुसकर आरपार होता हुआ पीठ से निकला लोहे का एंगल, जिसने देखा उसकी रूह कांप गयी. मरीज की हालत गंभीर होती जा रही थी. ऐसी स्थिति केजीएमयू के ट्रामा इमरजेंसी विभाग के प्रो. संदीप तिवारी और उनकी टीम ने आरपार घुसे लोहे के एंगल को 6 घंटे की सर्जरी के बाद सफलतापूर्वक निकाल कर उसे नयी जिंदगी दी.

 

गोंडा निवासी समीर की जान बचाई,  उसकी  छाती में लोहे का एंगल घुस गया था और छाती के अंदर क्षतिग्रस्त करते हुए पीठ से आर पार हो गया था. जब ट्रामा सेंटर पहुंचाया गया था,वह अंतिम सांसें गिन रहा था. ऐसे में प्रो.तिवारी की टीम ने चैलेन्ज स्वीकार किया और  आनन-फानन में आक्सीजन व खून देकर थमती साँसों को थामते हुए आपरेशन शुरू कर दिया और अंततः टीम के हाथ सफलता लग गयी.

 

शनिवार को ट्रामा इमरजेंसी विभागाध्यक्ष प्रो.संदीप तिवारी ने मरीज समीर मिश्रा के केस की जानकारी देते हुए बताया कि समीर मिश्र, किसी काम के सिलसिले में लखनऊ आये थे,  27 अगस्त की रात को अपनी मोटर साइकिल से जा रहे थे, कि रास्ते में विपरीत दिशा से आ रही डीसीएम गाड़ी से एक्सीडेंट हो गया, आमने-सामने होने की वजह से डीसीएम में लदा लोहे का एंगल इनकी छाती में घुस गया और पीठ में निकला। भयावह स्थिति देखकर लोगों ने एंगल समेत समीर को ट्रामा सेंटर पहुंचाया। उन्होंने बताया कि जिस समय समीर को ट्रामा सेंटर लाया गया था, उसकी सांसे टूट रही थी, ब्लीडिंग की वजह से पल्स रेट गिर चुका था।

 

डॉ. संदीप तिवारी, डॉ.समीर मिश्र एवं अन्य ने ओटी पहुंच कर सर्जरी शुरू कर दी, सर्जरी के दौरान शुरूआती दिक्कत हुई बेहोशी देने में क्योंकि मरीज को सीधा लिटाया नही जा सकता था, बाई तरफ की लिटाकर बेहोशी की नली डाली गई और दाहिनी तरफ की छाती खोली गई। एंगल घुसने की वजह से छाती के अंदर सबकुछ क्षतिग्रस्त हो गया था, अंदर बहुत ज्यादा खून जमा था। साफ किया गया,  देखा गया कि उस समय भी एक धमनी से खून का बह रहा था, सबसे पहले खून का बहना रोका गया और लोहे के एंगल को सावधानी पूर्वक निकाला गया। एंगल निकालने के बाद छाती के अंदर क्षतिग्रस्त धमनियों को सही जगह बैठाकर एक दूसरे से जोड़ा गया। साथ ही सक्शन ड्रेन पर बंद कर दिया गया। इसके बाद ब्लड चढ़ाकर, मरीज का ब्लड प्रेशर, धड़कन को नियंत्रित करने के बाद, बेहोशी से बाहर किया गया। इसके बाद लगातार मरीज की निगरानी होती रही, तेजी से रिकवरी हुई और पांच सितम्बर को डिस्चार्ज कर दिया गया है। मरीज स्वस्थ हो रहा है।

 

सर्जरी करने वाली टीम

 

विभागाध्यक्ष प्रो.संदीप तिवारी, प्रोफेसर डॉ.समीर मिश्रा, असि.प्रोफेसर डॉ.अनिता सिंह, एसआर डॉ.अनुराग, डॉ.अंकित सचान, सीवीटीएस के एसआर डॉ.अजय पांडेय, एनेस्थिसिया की एसआर डॉ.निधि शुक्ल एवं स्टाफ नर्स सुजाता व ओटी टेक्रीशियन अखिलेश ने छह घंटे तक ओटी में अथक परिश्रम किया और मरीज की जान बचाकर ऐतिहासिक सफलता अर्जित की।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.