लखनऊ। उत्तर प्रदेश की जनता को स्तरीय एवं सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के अन्तर्गत सभी जनपदों में जन औषधि स्टोर खोले जाएंगे। इन औषधि केन्द्रों पर गरीब मरीजों के लिए अच्छी दवाओं की उपलब्धता कम दामों पर सुनिश्चित हो सकेगी।
जन औषधि केंद्र के संचालन से फार्मासिस्टों को मिलेगा रोजगार : स्वास्थ्य मंत्री
प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आज यहां जनपथ सचिवालय के सभागार में संयुक्त सचिव, केमिकल एवं फर्टिलाइजर्स मंत्रालय, भारत सरकार के साथ आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जन औषधि केन्द्रों के संचालन से जहां लोगों को काफी कम दामों में जेनरिक दवाएं मिलेंगी, वहीं व्यापक स्तर पर बेरोजगार फार्मासिस्टों को रोजगार भी मिल सकेगा। प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र की स्थापना के लिए जल्द ही भारत सरकार से अनुबंध किया जाएगा।
600 जेनेरिक दवायें व 155 सर्जिकल आइटम मिलेंगे इन दुकानों पर
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस परियोजना में लगभग 600 जेनेरिक दवाएं तथा 155 सर्जिकल आइटम्स शामिल हैं। औषधि केन्द्रों पर इन औषधियों के मूल्य ब्राण्डेड दवाओं से काफी कम होंगे, जिसका सीधा लाभ आम नागरिकों को मिलेगा।
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने के लिए मिलेगी 2.5 लाख रुपये की मदद
उन्होंने कहा कि सरकारी चिकित्सालयों के अलावा बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन एवं महत्वपूर्ण स्थलों पर भी औषधि केन्द्र खोलने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र खोलने के लिए 2.5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।
1.45 लाख तक की दवायें मिलेंगी सिर्फ 25 हजार में
श्री सिंह ने कहा कि लोकल पर्चेज के लिए सरकारी चिकित्सालयों में स्थित जन औषधि स्टोर को अधिकृत किया जाएगा, जिससे शासकीय धन के व्यय में बचत होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हृदय रोग के लिए कार्डिक स्ट्रेंथ मरीजों को लगभग 55000 से लेकर 1.45 लाख रुपये में दवायें मिल रही है, यह दवा इन केन्द्रों पर 7000 से 25 हजार रुपये में उपलब्ध होगी। इसी प्रकार कार्डियो वैस्क्यूलर, एंटी डायबिटीज, एन्टी कैंसर, गैस्ट्रो तथा एंटीबायोटिक मेडिसिन बाजार भाव से काफी सस्ते दाम में मरीजों के लिए उपलब्ध होंगी।
बैठक में संयुक्त सचिव, केमिकल एवं फर्टिलाइजर्स मंत्रालय, भारत सरकार, सुधांशु पंत, सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती बी हेकाली झिमोमी, महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. पद्माकर सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।