-राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने 24 जनवरी को बुलायी बैठक
-बलरामपुर चिकित्सालय में आयोजित हुई हाईकमान की बैठक
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों पर मुख्य सचिव द्वारा दिए गए आश्वासन के बावजूद दिसंबर माह में निर्णय न हो पाने, कैशलेश चिकित्सा, महंगाई भत्ता बहाल किये जाने, अन्य समाप्त किये गए भत्तों को पुनः शुरू किए जाने, पुरानी पेंशन बहाली, ठेकेदारी व्यवस्था, निजीकरण पर रोक आदि मांगो पर कार्यवाही ना होते देख राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने आंदोलन की रणनीति तैयार करने के लिए 24 जनवरी को प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है ।
परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत की अध्यक्षता में आज बलरामपुर चिकित्सालय में हुई हाई कमान की बैठक में उक्त निर्णय लिया गया। बैठक में आंदोलन की संभावित रणनीति तय की गई जिसे प्रस्ताव के रूप में कार्यकारिणी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि आज हाई कमान की बैठक में परिषद के संगठन प्रमुख के के सचान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश मिश्रा, परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा, प्रमुख उपाध्यक्ष सुनील यादव, उपाध्यक्ष धनंजय तिवारी, सर्वेश पाटिल, प्रवक्ता अशोक कुमार, संयुक्त मंत्री आशीष पाण्डेय, संगठन मंत्री जे पी मौर्या, मीडिया प्रभारी सुनील, का सचिव कमल, मण्डलीय मंत्री राजेश कुमार चौधरी आदि उपस्थित थे । बैठक में नेताओं ने कहा कि वर्तमान समय में प्रदेश का कर्मचारी विशेषतः चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग कोरोना वायरस से लड़ने में लगा हुआ है, प्रदेश के कर्मचारी अपनी जान की परवाह किए बगैर कोविड-19 में जनता के हितों हेतु कार्य कर रहे हैं, बचाव व उसके उपचार आदि में कर्मचारियों द्वारा लगभग सफलता प्राप्त कर ली गयी है, ऐसे समय में कर्मचारियों की मांगों को पूरा कर पारितोषिक दिया जाना चाहिए ।
मुख्य सचिव की बैठक 18 नवम्बर को मुख्य सचिव ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सहित सभी की वेतन विसंगति दिसंबर माह में दूर करने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे, लेकिन दिसंबर समाप्त हो जाने पर भी कार्यवाही ना होने से प्रदेश के सभी कर्मचारी अत्यंत आक्रोशित है, ऐसा प्रतीत होता है कि शासन द्वारा कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। इसलिये अब परिषद ने आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने का निर्णय लिया और इस लिए कार्यकारिणी की बैठक आहूत की है ।
श्री मिश्रा ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से अपील की कि कर्मचारियों के मामले का संज्ञान लेकर मांगों पर निर्णय कराएं, जिससे प्रदेश में सरकार और कर्मचारियों के मध्य सौहार्दपूर्ण वातावरण बना रहे।