Saturday , November 23 2024

यूपी में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के चिकित्‍सकों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा 70 वर्ष करने का प्रस्‍ताव

-चिकित्‍सा के शैक्षिक संस्‍थानों की तर्ज पर आये प्रस्‍ताव पर महानिदेशक से मांगी गयी आख्‍या

सेहत टाइम्‍स  

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अंतर्गत तैनात चिकित्‍सकों की सेवानिवृत्ति की आयु को चिकित्‍सा शिक्षा विभाग की तर्ज पर 70 वर्ष किये जाने के प्रस्‍ताव पर स्‍वास्‍थ्‍य महानिदेशक से राय मांगी गयी है। इसमें 60 वर्ष और 65 वर्ष की आयु पर दो बार विकल्‍प भी मांगने की बात शामिल है। वर्तमान में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के चिकित्‍सकों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष है, जो कि पूर्व में 58 से 60 तथा फि‍र 60 से 62 की गयी थी।

इस आशय का एक पत्र 09 जनवरी, 2023 को शासन से विशेष सचिव की ओर से महानिदेशक को भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि चिकित्‍सकों की रिटायरमेंट की आयु बढ़ाने सहित अन्‍य सुझावों वाला यह प्रस्‍ताव मुख्‍यमंत्री कार्यालय से प्राप्‍त हुआ है। पत्र में विशेषज्ञ चिकित्‍सकों से सम्‍बन्धित टिप्‍पणी एवं सुझावों का परीक्षण कराकर सुविचारित आख्‍या पक्ष या विपक्ष में देने को कहा गया है।  

ज्ञात हो कि स्‍वास्‍थ्‍य विभाग वर्तमान में डॉक्‍टरों की कमी से जूझ रहा है, अस्‍पतालों में विभिन्‍न विधाओं वाले डॉक्‍टरों की लम्‍बे समय से कमी बनी हुई है। ऐसे में वर्तमान में कार्यरत डॉक्‍टरों की ही सेवा अवधि बढ़ाने के लिए एक बार फि‍र इस तरह का प्रस्‍ताव आया है। प्रस्‍ताव में यह भी कहा गया है कि जो विशेषज्ञ चिकित्‍सक अस्‍पतालों में डीएनबी कोर्स का प्रशिक्षण दे रहे हों उनका स्‍थानांतरण कम से कम तीन साल तक न किया जाये और यदि अपरिहार्य परिस्‍थितियां हों तो उनके स्‍थानांतरण से पूर्व वैकल्पिक व्‍यवस्‍था कर ली जाये।

गर्म हुआ डॉक्‍टरों के बीच चर्चाओं का बाजार

दूसरी ओर महानिदेशक कार्यालय में पत्र आते ही इसको लेकर चिकित्‍सकों के बीच चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। उनका कहना है कि आखिर इस कवायद का फायदा क्‍या है, क्‍योंकि पहले जब 58 से 60 और 60 से 62 वर्ष रिटायरमेंट की उम्र की गयी थी तो उससे क्‍या फर्क पड़ा, इस बारे में भी बताया जाना चाहिए, उस समय सेवानिवृत्ति की सीमा बढ़ाने का मकसद बढ़ी हुई आयु की अवधि में पुराने डॉक्‍टरों के सेवारत रहते-रहते नये चिकित्‍सकों की भर्तियां करके चिकित्‍सकों की कमी को दूर करना ही था, लेकिन चिकित्‍सकों की कमी आज भी बनी हुई है।    

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.