स्वास्थ्य मंत्री की घोषणा, 62 वर्ष में रहेगा ऐच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आज एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा है कि सरकारी चिकित्सकों की रिटायरमेंट की आयु 70 वर्ष की जायेगी, इस फैसले पर अंतिम मोहर इस बार होने वाली कैबिनेट बैठक में लग जायेगी। हालांकि 62 साल की उम्र पर ऐच्छिक सेवा निवृत्ति (वीआरएस) का विकल्प खुला रखने का भी प्रावधान होगा।
रविदास नगर नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का लोकार्पण
स्वास्थ्य मंत्री ने यह घोषणा रविदास नगर नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ,आई आई एम रोड ,लखनऊ के लोकार्पण के अवसर पर की। उन्होंने चिकित्सालय के लोकार्पण के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि हम और चिकित्सालय तो खोलना चाहते हैं लेकिन केवल ढांचा नहीं खड़ा करना चाहते, उसमें चिकित्सकों को भी रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की बहुत कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए ही मैं चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु 70 वर्ष करने का प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष रखूंगा। उन्होंने कहा कि कैबिनेट से पास होने के पश्चात ही यह लागू होगा।
उन्होंने कहा कि 70 वर्ष सेवानिवृत्ति की आयु रखते समय इसमें यह प्रावधान भी किया जाएगा कि जो चिकित्सक 62 वर्ष के बाद वीआरएस लेना चाहते हैं, वह वीआरएस लेकर जा सकते हैं। मंत्री ने आशा प्रकट की कि इस कदम से प्रदेश में चिकित्सकों की बढ़ती कमी को पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सालय में दवाओं की कहीं भी कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने जनता से आह्वान किया कि यदि कहीं भी दवाओं की कमी है, तो आप लिखित में इसकी सूचना मुझको दे। उन्होंने कहा कि लखनऊ की दो और अर्बन पीएचसी को टेलीमेडिसिन से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि जितनी जगह मिलती जाएगी, चिकित्सालय का निर्माण होता जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने अलीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के विस्तार की मांग पर कहा कि मैंने इसका प्रस्ताव पहले ही शासन को भेज दिया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केंद्रों का रंग बदलने की जरूरत है। वैसे गुलाबी रंग अच्छा है लेकिन इसको बदला जाना चाहिए।
समारोह में उपस्थित क्षेत्रीय विधायक डॉ नीरज वोरा से उन्होंने आग्रह किया कि रंग बदलने का प्रस्ताव उनके समक्ष प्रस्तुत करें। वह इस पर निर्णय ले लेंगे। उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास है कि शाम को भी ओपीडी चले लेकिन इस प्रस्ताव को पहले वित्त विभाग को भेजना होगा क्योंकि वही खर्चे के दृष्टिकोण से इस पर निर्णय करेगा। समारोह में क्षेत्रीय विधायक डॉ नीरज बोरा ने मंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि इस नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की इस फैजुल्लागंज क्षेत्र में बहुत अधिक आवश्यकता थी क्योंकि यहां पर प्रतिवर्ष संक्रामक रोग फैलते हैं। लेकिन 2017 में भाजपा की सरकार आने के बाद से यहां पर हर महीने कैंप लगाकर तथा फॉगिंग, लार्वीसाइड का छिड़काव करके संक्रामक रोगों को सफलतापूर्वक रोका गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि लखनऊ में 52 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है जो जनता की सेवा कर रहे हैं। समारोह में महानिदेशक परिवार कल्याण डॉ नीना गुप्ता, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा अजय राजा, डॉक्टर आर वी सिंह, डॉक्टर आर के चौधरी, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एम के सिंह, जिला क्षय रोगी अधिकारी डा भी के सिंह, जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ पीके अग्रवाल, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ केपी त्रिपाठी डॉ एके दीक्षित तथा डॉक्टर वाई के सिंह भी उपस्थित थे। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ डीके बाजपेई ने अतिथियों को धन्यवाद दिया। समारोह का संचालन डॉ एस के सक्सेना ने किया।