-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अध्यक्ष एवं महासचिव ने लिखा पत्र
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ उत्तर प्रदेश ने राज्य के कई जनपदों में प्रशासनिक अधिकारियों तथा उनके अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा चिकित्साधिकारियों से दुर्व्यवहार व असंसदीय भाषाशैली प्रयोग किये जाने पर अप्रसन्नता व्यक्त की है। संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा है कि इस तरह की बातों से चिकित्साधिकारियों का न सिर्फ मनोबल टूट रहा है बल्कि उनकी कार्यक्षमता भी प्रभावित हो रही है।
संघ के अध्यक्ष डॉ सचिन वैश्य व महासचिव डॉ अमित सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखा है कि आप द्वारा दिये गए दिशा निर्देशों का अनुपालन करना प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग के चिकित्साधिकारियों की सर्वोच्च प्राथमिकता है तथा इस कोरोना काल में आपकी दृढ़ इच्छाशक्ति के क्रम में हम सभी चिकित्सक अपने प्रदेश को स्वस्थ प्रदेश बनाने के लिए संकल्पित हैं।
पत्र में लिखा है कि कोविड-19 महामारी के संक्रमण काल में प्रदेश स्तर पर जनमानस को गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने तथा कोरोना वायरस के प्रसार को यथासंभव नियंत्रित करने के लिए हमारे संवर्ग के चिकित्सक एवं चिकित्साकर्मी विगत अनेकों माह से बिना किसी अवकाश के, रात-दिन अनवरत कार्यरत हैं एवं इस भयंकर संक्रमण से मुकाबला करने के लिए न केवल वे मानसिक एवं शारीरिक रूप से वरन पारिवारिक कठिनाइयों को सहते हुए भी संकल्पित मनोबल से कार्य कर रहे हैं। कार्यों के क्रम में बहुत सारे चिकित्सक एवं चिकित्साकर्मी संक्रमित भी हो रहे हैं तथा अभी तक राष्ट्रहित में अनेकों ने अपना सर्वोच्च बलिदान भी दे दिया है, ये क्रम कब रुकेगा यह कह पाना किसी के लिए भी सम्भव नहीं है।
प्रदेश के सभी जिलों में प्रभारी प्रशासनिक अधिकारी के रूप में जिलाधिकारीगण एवं उनकी समस्त इकाइयां कार्यरत हैं तथा प्रभारी तकनीकी अधिकारी के रूप में मुख्य चिकित्साधिकारी एवं उनके अधीनस्त इकाइयां कार्यरत हैं। विगत समय में तथा वर्तमान में जनपदों से जो भी सूचनाएं प्राप्त हुई हैं उनके आधार पर ये कहना समीचीन होगा कि कुछ जनपदों में तहसील स्तर पर तथा कुछ जनपदों में जिला मुख्यालय स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों का व्यवहार असंयमित है एवं मर्यादा के अनुकूल नहीं है एवं भरी सभा में या अन्य अधिकारियों/जनमानस के समक्ष उनके द्वारा किया जा रहा दुर्व्यवहार ना केवल चिकित्सकों के मनोबल को तोड़ रहा है बल्कि उनके कार्य करने की क्षमता को भी प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर रहा है।
ऐसी स्थिति में जहां एक ओर हम अपने संघ के माध्यम से चिकित्सकों को जनहित में एवं आपके निर्देशों के अनुपालन में बिना रुके कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने की प्रबल कोशिश कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ उनके साथ किया जा रहा अभद्र व्यवहार उनके सम्मान/मर्यादा को ठेस पहुंचाने का कार्य कर रहा है। पत्र में मुख्यमंत्री से इन प्रकरणों को संज्ञान में लेने का अनुरोध किया गया है ताकि चिकित्सक भयमुक्त एवं संवेदनशील होकर स्वस्थ प्रदेश की रचना में भागीदार बन सकें।