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संक्रमण के बाद कमर-गर्दन दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव से निजात दिलाती है फीजियोथैरेपी

-रक्‍त का बहाव, ऑक्‍सीजन का लेवल सुधरता है तो दर्द छूमंतर

डॉ मुकेश कुमार

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। कोविड के समय या संक्रमण के बाद शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव, कमर व गर्दन में दर्द स्‍वाभाविक है, जिसे फीजियोथैरेपी से दूर किया जा सकता है। यह जानकारी हेल्थ सिटी ट्रॉमा सेंटर एवं सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के कंसल्टेंट फीजियोथैरेपिस्ट डॉ मुकेश कुमार ने देते हुए बताया कि कोविड-19 श्वसन तंत्र में फेफड़ों पर बुरा प्रभाव डालती है इसमें फेफड़ों में संक्रमण के कारण शरीर में ऑक्सीजन का अवशोषण कम हो जाता है जिससे रक्त में ऑक्सीजन की कमी और कार्बन डाइऑक्साइड की अधिकता हो जाती है, इस कारण से शरीर का मेटाबॉलिक रेट कम हो जाता है और मांसपेशियों में लैक्टिक एसिड का जमाव होने लगता है। उन्होंने कहा इसी वजह से मांसपेशियों में अकड़न आने लगती है और उनका लचीलापन धीरे-धीरे कम होने लगता है।

उन्होंने कहा कि ऐसे जोड़ जहां पर गतिशीलता ज्यादा होती है वहां गुरुत्वाकर्षण बल ज्यादा लगता है उन स्थानों पर मांसपेशियों का खिंचाव भी ज्यादा होता है। उन्होंने कहा कि ऐसे में गर्दन, कमर व कंधे की मांसपेशियों में अकड़न शुरू हो जाती है, धीरे-धीरे इन जोड़ों की गतिशीलता कम होने लगती है और इनमें दर्द शुरू हो जाता है। उन्होंने कहा कि इन सभी समस्याओं से निजात के लिए फीजियोथैरेपी में विभिन्न प्रकार से व्यायाम व संयंत्रों के द्वारा इन समस्याओं से निजात पायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि व्यायाम करके हम मांसपेशियों के तनाव को कम कर सकते हैं और साथ ही साथ मांसपेशियों को मजबूत कर सकते हैं क्योंकि व्यायाम करने के कारण मांसपेशियों में रक्त का बहाव अच्छा हो जाता है। उन्होंने कहा कि फीजियोथैरेपी में फेफड़ों के व्यायाम के कारण रक्त में ऑक्सीजन की प्रचुरता बढ़ जाती है और लैक्टिक एसिड के जमाव में शरीर के मेटाबॉलिक रेट बढ़ने के कारण कमी आती है जो मांसपेशियों के लचीलेपन को बढ़ाता है और उनके तनाव में राहत देता है।

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