-विश्व फार्मासिस्ट दिवस पर बलरामपुर अस्पताल में आयोजित हुई संगोष्ठी
सेहत टाइम्स
लखनऊ। फार्मासिस्टों ने कहा है कि इस वर्ष की थीम के अनुसार एक स्वस्थ दुनिया के लिए कार्यवाही में एकजुट फार्मासिस्ट अब आने वाली विश्व जन स्वास्थ्य सेवा की नई चुनौतियों में दवाओं के शोध में भी अहम भूमिका में रहेंगे जैसे कि विश्व महामारी कोविड में वैक्सीन की खोज और विश्व में अनेकों महामारी में फार्मासिस्ट अहम भूमिका में रहा है। हम सबने कोविड संक्रमणकाल के दौरान अपनी अतुलनीय सेवा एवं सहयोग देकर समाज की बेहतरीन सेवा की है। हमारा यह प्रयास होना चाहिए कि समाज को बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन मिले।
ये विचार विश्व फार्मासिस्ट दिवस के अवसर पर आज यहां बलरामपुर अस्पताल स्थित संयुक्त राज्य कर्मचारी संघ कार्यालय में इस साल की थीम “स्वस्थ विश्व के लिए फार्मसिस्ट यूनाइटेड इन एक्शन” पर डिप्लोमा फार्मेसी एसोसिएशन उत्तर प्रदेश की जनपद शाखा लखनऊ द्वारा आयोजित संगोष्ठी में एकत्र फार्मासिस्टों ने व्यक्त किये। संगोष्ठी की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष अरुण अवस्थी ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सचिव आईपीए आर ए गुप्ता थे।
इस मौके पर पूर्व महामंत्री डीपीए उत्तर प्रदेश के के सचान, श्रवण सचान पूर्व चेयरमैन उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल उत्तर प्रदेश सुनील यादव पूर्व कोषाध्यक्ष रजत यादव जिला कार्यकारी अध्यक्ष लखनऊ शाखा कपिल वर्मा, ओ०पी० सिंह, सुभाष श्रीवास्तव, अविनाश सिंह, आर०बी० मौर्या, रंजीत गुप्ता सहित कई सदस्यों ने अपनी राय रखी।
गोष्ठी में कोविड संक्रमण में शहीद हुए साथियों को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति के मूल में वसुधैव कुटुम्बकम की भावना है, उसी विचार पर अग्रसर सदा सर्वदा समर्पण का भाव रखते हुए समाज के बेहतर स्वास्थ्य के प्रति संकल्पबद्ध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि फार्मेसी व्यवसाय से जुड़े सभी साथियों को आपस में अपनी उपलब्धियों एवं कठिनाइयों को एक दूसरे से अवश्य साझा करना चाहिए।
ज्ञात हो हर साल विश्व फार्मासिस्ट दिवस 25 सितंबर को मनाया जाता है इसकी शुरुआत 2009 में इस्तांबुल तुर्की में वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस ऑफ़ फार्मेसी एंड फार्मास्यूटिकल साइंस में इंटरनेशनल फार्मास्यूटिकल फेडरेशन द्वारा की गई थी। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दुनिया भर में फार्मासिस्ट को सम्मानित करना और उनके योगदान को सराहना है।
वक्ताओं का कहना था कि सबसे अहम वैक्सीन की जनसमूह में इस्तेमाल की एप्रुवल भी एक फार्मासिस्ट (Drug controller of india) द्वारा ही दिया जाता है। सदस्यों ने कहा कि अद्भुत संयोग हैं कि आज अन्त्योदय योजना एक ऐसे विचार के जनक स्मृति शेष प.दीन दयाल उपाध्याय जी का जन्म जयंती भी है। उनकी सोच थी एक सपना था कि समाज के अन्तिम व्यक्ति तक भोजन पहुंचे आज उनके विचारों को गति देते हुए आज इस कोविड संक्रमण के उपरांत आ रही अस्वस्थता को दृष्टिगोचर रखते हुए हमारा प्रयास होना चाहिए समाज के अन्तिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचें।