-कर्मचारी-शिक्षक संयुक्त मोर्चा के आंदोलन को फार्मासिस्ट फेडरेशन का समर्थन
सेहत टाइम्स
लखनऊ। कर्मचारियों की मांगों पर उच्च स्तर पर बनी सहमति के बावजूद निर्णय नहीं हो रहे हैं, युवाओं का भविष्य खतरे में है, कर्मचारियो को मिल रही सुविधाओं में कटौतियां जारी हैं, सरकार कर्मचारियों को इस देश का दोयम दर्जे का नागरिक मानती हैं, राज्य कर्मचारी और शिक्षक इसे बर्दाश्त नहीं करेगा । कर्मचारियों के आक्रोश को देखते हुए कर्मचारी-शिक्षक संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर फार्मेसिस्ट फेडरेशन आंदोलन को तैयार है । 9 दिसम्बर से कार्य बहिष्कार में सभी संस्थानों और सभी विधाओं के फार्मेसिस्ट शामिल होंगे।
फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव, महामंत्री अशोक कुमार ने बताया कि फार्मेसिस्ट संवर्ग सहित अन्य संवर्गो की वेतन विसंगति दूर करने, पदों का पुनर्गठन, वेटेनरी फार्मेसिस्ट , सींचपाल सहित अनेक संवर्गो की नियमावली बनाने, निजीकरण को रोकने, पुरानी पेंशन बहाली, ठेका प्रथा संविदा की जगह स्थाई नियुक्तियां किये जाने, कैशलेस इलाज सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में मोर्चे द्वारा घोषित आंदोलन में भागीदारी करेंगे ।
श्री यादव ने बताया कि विभिन्न संस्थानों और विभिन्न विधाओं के फार्मेसिस्टों के पदनाम परिवर्तन सहित अनेक मामले लंबित हैं । उन्होंने कहा कि सरकार के उपेक्षा पूर्ण रवैये से कर्मचारी नाराज हैं। सरकार संविदा, आउटसोर्सिंग और निजीकरण को बढ़ावा दे रही है, जो आम जनता के भविष्य के लिए भी घातक है और जिससे कर्मचारी भी परेशान है, कर्मचारी और इसे बर्दाश्त नहीं करेगा ।